अमरावती: आंध्र प्रदेश सरकार ने अपने उस फैसले को वापस ले लिया है जिसमें कहा गया था मंदिरों की जमीन को भूमिहीन गरीबों को घर के लिये दिया जाएगा. इस फैसले का बीजेपी और कुछ हिंदू धार्मिक संगठनों ने पुरजोर विरोध किया था. सरकार ने घोषणा की थी कि वह अगले साल तेलुगु नववर्ष 'उगाड़ी' पर 25 लाख से अधिक लाभार्थियों को घर के लिये जमीन या घर दिया जाएगा.


इसी के मद्देनजर, विशेष मुख्य सचिव (राजस्व) मनमोहन सिंह ने सभी जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन जारी कर उनसे ग्राम-वार उपलब्ध भूमि की पहचान करने करने के लिये कहा था. उन्होंने कलेक्टर को ऐसी भूमि की पहचान करने के लिए भी कहा था, जिन्हें "मंदिर और विश्राम गृह हाईकोर्ट की अनुमति से नीलाम करने के लिए तैयार हैं."


यह मुद्दा हाल ही में भूमि की समीक्षा के लिये हुई मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी की बैठक के दौरान चर्चा में आया था. बैठक में शामिल रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि मंदिरों को बिना छुए गरीबों को वितरित की जाने वाली भूमि का इंतजाम किया जाए. अधिकारियों ने अनुमान लगाया कि भूमिहीन गरीबों को वितरण के लिए 40,000 एकड़ से अधिक भूमि की आवश्यकता होगी.


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