नई दिल्लीः दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने डीटीसी की ओर से 1,000 बसों की खरीद की प्रक्रिया की जांच पड़ताल करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. यह प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है और बीजेपी ने इसकी सीबीआई से जांच कराने की मांग की है.


टेंडर प्रक्रिया की भी होगी जांच


बुधवार को सतर्कता निदेशालय की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार, समिति में एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, सतर्कता के प्रमुख सचिव और दिल्ली सरकार के परिवहन आयुक्त शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि समिति के विचारार्थ विषयों में पूरे टेंडर प्रॉसेस की जांच पड़ताल करना और यह विश्लेषण करना शामिल होगा कि क्या सामान्य वित्तीय नियमों (जीएफआर) और खरीद के मौजूदा नियमों के तहत उचित प्रक्रिया का पालन किया गया.


दो हफ्ते में उपराज्यपाल को सौंपी जाएगी रिपोर्ट


आदेश के अनुसार यह समिति निविदा प्रक्रिया में किसी अनियमितता और प्रक्रियात्मक चूक की भी जांच करेगी. यह समिति दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपेगी. परिवहन विभाग ने 11 जून को जारी एक आदेश में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा 1,000 लो-फ्लोर बसों की खरीद के साथ-साथ उनके वार्षिक रखरखाव की प्रक्रिया को रोक दिया था. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को कहा था कि उपराज्यपाल की ओर से गठित एक जांच के कारण खरीद प्रक्रिया को रोक दी गई है.


बीजेपी ने की CBI जांच की मांग


उन्होंने कहा ‘‘बीजेपी ने उपराज्यापाल से शिकायत की है. उपराज्यपाल ने उनकी शिकायत पर एक जांच का गठन किया है. हमने खरीद प्रक्रिया को तब तक के लिए रोक दिया है जब तक जांच समिति अपनी रिपोर्ट पेश नहीं कर देती.’’ इस बीच, दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि बस खरीद प्रक्रिया में एक ‘‘घोटाला’’ किया गया है और उन्होंने इसकी सीबीआई से जांच की मांग की.


 


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