रिलायंस ग्रुप के चैयरमैन अनिल अंबानी ने राफेल डील पर लगाए गए राहुल गांधी के आरोपों का लेटर के जरिए जवाब देते हुए कहा है कि कांग्रेस को इस मामले में भ्रमित किया गया है और उन्हें गलत तथ्यों की जानकारी दी गई है. इतना ही नहीं अनिल अंबानी ने राहुल गांधी के उनके ऊपर लगाए गए आरोपों को आधारधीन और दुखद बताया.
लेटर में अनिल अंबानी ने राफेल के लिए डसॉल्ट के साथ हुए करार में रिलायंस की भूमिका को बारे में बताया है. उन्होंने लिखा, ''राफेल विमानों को रिलायंस या डसॉल्ट और रिलायंस मिलकर नहीं बनाएगी. सभी 36 विमान फ्रांस में ही बनाए जाएंगे और उसके बाद ही उन्हें भारत में लाया जाएगा.''
उन्होंने आगे लिखा, ''रिलायंस इन 36 राफेल विमानों का कोई भी हिस्सा नहीं बना रही है. ऐसे में हमारे ऊपर विमान बनाने का अनुभव नहीं होना वाला आरोप कोई मायने नहीं रखता.'' अनिल अंबानी ने यह भी लिखा है कि डिफेंस मिनिस्ट्री ने 36 राफेल विमानों को लेकर रिलायंस के साथ कोई करार भी नहीं किया है. अनिल अंबानी ने लिखा है, ''इस सौदे से रिलायंस को होने हजारों करोड़ के फायदे का दावा सही नहीं है. क्योंकि रिलायंस और सरकार के बीच में किसी तरह का कोई करार हुआ ही नहीं है.''
अनिल अंबानी ने लेटर में बताया है कि रिलायंस की भूमिका निर्यात और निर्यात के कामों तक ही सीमित है. साथ ही उन्होंने बताया कि इस काम में पब्लिक सेक्टर और डिफेंस रिसर्च और डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के साथ 100 से ज्यादा मीडियम, स्मॉल और माइक्रो एंटरप्राइजेज की हिस्सेदारी होगी. यह भूमिका भारत में मैनुफैक्चरिंग की काबिलियत को बढावा देने के लिए उस ऑफसेट पॉलिसी के तहत निभाई जा रही है जिसे कांग्रेस की यूपीए सरकार ने 2005 में शुरू किया था.
उन्होंने आगे लिखा, ''राहुल गांधी की राफेल डील से ठीक 10 दिन पहले रिलायंस डिफेंस बनने का दावा गलत है. 10 अप्रैल 2015 में पेरिस में भारत सरकार और फ्रांच सरकार के बीच 36 राफेल विमानों की खरीद को लेकर सौदा हुआ था, जबकि हमने डिफेंस मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में आने का एलान दिसंबर 2014 और जनवरी 2015 में ही कर दिया था.''
राहुल गांधी ने लगायाा था पीएम से दोस्ती की वजह से कॉन्ट्रैक्ट मिलने का आरोप
राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के कार्यकाल में प्रति विमान 526 करोड़ रुपये का फ्रांस से करार किया गया था. मोदी सरकार में विमान की कीमत तीन गुना बढ़कर 1600 करोड़ रुपये प्रति विमान हो गई है. उन्होंने कहा कि राफेल 45,000 करोड़ रुपये का देश का सबसे बड़ा घोटाला है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यूपीए की सरकार ने 126 हवाई जहाज के लिये डसॉल्ट कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया था, सरकारी कंपनी एचएएल को ठेका दिया गया था. ये 70 साल से हवाई जहाज बना रही है. मोदी जी सीधे फ्रांस गये उनके साथ अनिल अंबानी थे. अनिल अंबानी जी पर 45000 करोड़ रुपये का कर्जा है. उन्होंने अपनी जिंदगी में एक हवाई जहाज नहीं बनाया है, सिर्फ एक योग्यता है कि वो मोदी जी के मित्र हैं. उन्हें कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया.