मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दंडात्मक कार्रवाई से बचाव के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. देशमुख के वकील इंदरपाल सिंह ने इस बात की जानकारी दी. बता दें कि अनिल देशमुख को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कल 5 जुलाई को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है.


इससे पहले अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अनिल देशमुख को मामले के जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए तीसरा नोटिस जारी किया गया. देशमुख से दक्षिण मुंबई में केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में अपना बयान सोमवार को दर्ज कराने के लिये कहा गया है. उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख को भी समन जारी कर छह जुलाई को बुलाया गया है.


ईडी ने एक अदालती दस्तावेज में आरोप लगाया था कि ऋषिकेश हवाला लेनदेन की देखरेख करता था. देशमुख को इससे पहले भी दो समन जारी किए जा चुके हैं लेकिन वह कोरोना वारयस संक्रमण के खतरे का हवाला देकर पेश नहीं हुए और उन्होंने ईडी के समक्ष वीडियो कांन्फ्रेंस के जरिए अपना बयान दर्ज कराने का आग्रह किया.


अनिल देशमुख को कथित तौर पर 100 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने और जबरन वसूली करने वाले गिरोह से जुड़े धनशोधन के एक मामले के संबंध में ईडी ने समन जारी किया है. देशमुख ने इन आरोपों के कारण महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से इस साल अप्रैल में इस्तीफा दे दिया था. 


ईडी ने पिछले महीने मुंबई और नागपुर में देशमुख, उनके सहयोगियों और अन्य लोगों के परिसरों पर छापे मारे थे, जिसके बाद निदेशालय ने पहला समन जारी किया था. बाद में एजेंसी ने उनके दो सहयोगियों- उनके निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार कर लिया था. वे छह जुलाई तक ईडी की हिरासत में हैं.


मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख पर कम से कम 100 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था, जिसके आधार पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था. इसी के बाद ईडी ने देशमुख और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया.


परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि देशमुख ने मुंबई पुलिस के निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को मुंबई के बार और रेस्तरां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम वसूलने को कहा था. 


देशमुख ने उनके वकीलों के जरिए एजेंसी को भेजे पत्र में कहा था कि एजेंसी ने 25 जून को यहां उनके परिसरों पर छापेमारी के समय ईडी जांचकर्ताओं के साथ कई घंटे की बातचीत के दौरान उनका बयान पहले ही दर्ज कर लिया है.


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