Anil Deshmukh Corruption Case: अनिल देशमुख के वकील की चांदीवाल आयोग से मांग- परमबीर सिंह के खिलाफ जारी किया जाए गैर-जमानती वारंट
Anil Deshmukh Corruption Case: आयोग के वकील शिशिर हिरे ने बताया कि आयोग के सामने परमबीर सिंह अनुपस्थित रहते हैं, जिस वजह से सुनवाई बार-बार आगे बढ़ रही है.
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Anil Deshmukh Corruption Case: परमबीर सिंह के खिलाफ मुश्किलें बढ़ती जा रही है. महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ वसूली के आरोपों की जांच कर रहे चांदीवाल आयोग ने वसूली के आरोप लगाने वाले मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambir Singh) के खिलाफ आयोग के सामने उपस्थित रहने के लिए भेजे गए समन पर उपस्थित ना रहने के कारण 7 सितंबर के दिन 50 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया था.
आयोग के आदेश के बाद महाराष्ट्र के डीजी ने स्टेट सीआईडी को जमानती वारंट सर्व करने के लिए आयोग के वकील शिशिर हिरे ने बताया कि आयोग के सामने परमबीर सिंह अनुपस्थित रहते हैं, जिस वजह से सुनवाई बार-बार आगे बढ़ रही है. इस वजह से उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया जाए. इस पर आज आयोग ने 50 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया है. आज चांदीवाल आयोग में महाराष्ट्र पुलिस ने अपनी रिपोर्ट दी. जिसमें कहा है कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ बेलेबल वारंट जारी किया गया था, वो उन्हें डिलीवर नहीं हुआ.
कब है अगली सुनवाई
आयोग के वकील शिशिर हीरे ने बताया कि परमबीर सिंह को बेलेबल वारंट देने के लिए एजेंसी तीन जगहों पर गई थी लेकिन वो कहीं नहीं मिले. इन तीन जगहों में दो लोकेशन चंडीगढ़ और एक लोकेशन मुंबई में है. महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की वकील अनिता शेखर केस्टिरोल ने चांदीवाल कमिशन के सामने कहा की नॉन बेलेबल वारंट जारी करने की मांग की और उनकी संपत्ति जब्त करने की मांग की. अनिता ने बताया कि कोर्ट ने कहा है कि परमबीर सिंह एक वरिष्ठ अधिकारी हैं और इस वजह से यह हम अभी नहीं कर रहे. उन्हें समय दिया जाना चाहिए. अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी.
इसके वाला कमीशन ने महाराष्ट्र के डीजीपी को यह भी आदेश दिया था कि वो किसी सीनियर अधिकारी को इस वारंट को देने के लिए लगाएं. इसके पहले कमीशन के सामने अनुपस्थित रहने के मामले में तीन बार कमीशन ने परमबीर पर जुर्माना लगाया है. पहली अनुपस्थिति के बाद परमबीर सिंह पर दो हजार रुपये, दूसरी बार अनुपस्थिति के बाद परमबीर सिंह पर 25 हजार रुपये और तीसरी बार अनुपस्थिति के बाद परमबीर सिंह पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था. तीनों बार जुर्माने की राशि को महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कोविड-19 फंड में जमा करने को कहा गया था.
वहीं चौथी बार अनुपस्थिति के बाद 50 हजार रुपये कीमत का बेलेबल वारंट जारी किया गया और अब पांचवी बार उनकी अनुपस्थिति के बाद वही बेलेबल वारंट दोबारा से जारी किया गया है. हीरे ने बताया की सीआरपीसी की धारा 79, 80, 81 और 82 में वारंट को लेकर नियम लिखे हैं. जिसके मुताबिक जिस व्यक्ति के खिलाफ जमानती या गैर जमानती वारंट जारी किया जाता है उसी व्यक्ति पर एक्जिक्यूट किया जाता है. इस मामले में परमबीर सिंह का आखिरी लोकेशन होगा, वहां जाकर उन्हें दिया जाएगा. वारंट कैंसिल करने का अधिकार आयोग को ही होता है. ऐसे में उन्हें यहां आकर कमीशन के सामने ही वारंट कैंसिल करवाना पड़ेगा.
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