Anil Dujana Profile: पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर के कुख्यात गैंगस्टर अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना को यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एनकाउंटर में मार गिराया. यूपी के दुजाना गांव से ताल्लुक होने के कारण उसे 'अनिल दुजाना' कहा जाने लगा था. अनिल दुजाना के एनकाउंटर की खबर के साथ ही सुंदर डाकू की चर्चा होने लगी है.


दरअसल, सुंदर डाकू दुजाना गांव का ही रहने वाला था. वह 70-80 के दशक में बेहद कुख्यात हुआ करता था. यहां तक कहा जाता है कि सुंदर डाकू ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक को धमकी दे डाली थी, जिसके कारण उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा की पुलिस उसके पीछे लग गई थी. 


कौन था सुंदर डाकू?


सुंदर सिंह गुर्जर दुजाना गांव के छज्जू गुर्जर का बेटा था जो पहले एक फौजी हुआ करता था. ट्रेनिंग पूरी करने के कुछ महीने के भीतर ही वह नौकरी छोड़कर अपने गांव लौट आया था. उसके गांव के लोग बताते हैं कि हालातों ने उसे अपराध की दुनिया में ला दिया था. गांव के लोग उसे जरूरतमंदों की मदद करने वाले मसीहा बताते हैं.


पुलिस की लिस्ट में वह मोस्ट वांटेड था. उसकी धरपकड़ के लिए पुलिस को इश्तेहार तक छापने पड़े थे. दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में डकैती, हत्या समेत कई मामलों में उसका नाम था. उस समय दिल्ली-हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस ने कुल मिलाकर 12 हजार रुपये इनाम उसके सिर पर घोषित किया था. साल 1977 में अमीपुर के जंगल में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में सुंदर डाकू मारा गया था.


सुंदर डाकू के गांव का गैंगस्टर


कभी सुंदर डाकू से जाना जाने वाला दुजाना गांव अनिल नागर के आपराधिक कृत्यों से चर्चा में आने लगा. अनिल दुजाना पर हत्या, रंगदारी, लूटपाट, जमीन पर कब्जा और आर्म्स एक्ट समेत कुल 62 मामले दर्ज किए गए थे. इनमें से 18 मामले केवल हत्या के थे. उस पर गैंगस्टर और रासुका भी लगाया गया था. 2002 में हरबीर पहवान नाम के शख्स की हत्या के आरोप में अनिल दुजाना पर गाजियाबाद के कविनगर में पहला मामला दर्ज हुआ था.


सुंदर भाटी पर AK 47 से बरसाईं गोलियां


पश्चिमी यूपी के ही एक और गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से गोलियां बरसाने के आरोप में अनिल दुजाना को 2012 में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. सुंदर भाटी पर भी हत्या समेत अन्य अपराधों में 62 मामले दर्ज हैं. पिछले दिनों हरेंद्र प्रधान मर्डर केस में गौतमबुद्ध नगर जिला अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसके चलते वह सोनभद्र की जिला जेल में बंद है. 


जानकारी के मुताबिक, पश्चिमी यूपी में एक और गैंगस्टर नरेश भाटी के साथ सुंदर भाटी का छत्तीस का आंकड़ा था. 2004 में नरेश भाटी की हत्या की गई थी, जिसका आरोप सुंदर भाटी गैंग पर लगा था. इसके बाद नरेश भाटी के भाई रणदीप और भांजे अमित कसाना ने बदला लेने के लिए अनिल दुजाना को अपने पाले में लिया था. 


2011 में सुंदर भाटी की भांजी की शादी के मौके पर रणदीप, अमित कसाना, अनिल दुजाना ने हमला कर दिया था. आरोप था कि तीनों ने एके-47 से सुंदर भाटी पर हमला किया था. इस वारदात में सुंदर भाटी की जान बच गई थी लेकिन तीन लोगों की मौत हो गई थी. तिहरे हत्याकांड में दुजाना पकड़ा गया था. 2014 में अनिल दुजाना के भाई की हत्या की गई थी, जिसका आरोप सुंदर भाटी पर लगा था. 


तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर आया था अनिल दुजाना


अनिल दुजाना कुछ ही दिनों पहले तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर आया था. इसके बाद वह फरार हो गया था. उसके सिर पुलिस ने 75 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था. जमानत पर बाहर आने पर उसने जयचंद प्रधान मर्डर केस में उसकी पत्नी और गवाह संगीता को धमकी दी थी. मामले में दो और मुकदमे उसके खिलाफ दर्ज किए गए थे.


वहीं, कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश में सबसे बड़े 65 माफियाओं की सूची भी जारी की गई थी, जिसमें अनिल दुजाना का नाम था. दुजाना की धरपकड़ के लिए नोएडा पुलिस और एसटीफ लगातार छापे मार रही थी. गुरुवार (4 मई) को खबर आई कि अनिल दुजाना मेरठ में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया. 


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