Anil Parab ED Raids: महाराष्ट्र में आज ईडी (ED) ने शिवसेना नेता और प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री अनिल परब (Anil Parab) के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. परब के खिलाफ करोड़ों रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है. ईडी ने इसी मामले में परब के 7 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की है. तिस पर अनिल परब पर आरोप है कि दापोली में जो रिसोर्ट बनाया गया है वो नियमों को ताक में रखकर बनाया गया है.
इस रिसॉर्ट पर सबसे पहली नजर बीजेपी नेता किरीट सोमैया की पड़ी और फिर केंद्रीय वन विभाग ने इसे तोड़ने का आदेश दिया. इसके अलावा उस रिसोर्ट को बनाने में आपराधिक साजिश किए जाने का भी आरोप है. ऐसा बताकर पर्यावरण विभाग ने दापोली कोर्ट में इसकी शिकायत की और उस शिकायत को आधार बनाकर ED ने ECIR दर्ज किया और इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी.
अब क्या आरोप लग रहे हैं ?
आरोप है कि इस जमीन को 1.1 करोड़ में खरीदा गया. यहां पर रिसोर्ट बनाने के लिए लगभग 6 करोड़ रुपये खर्च किए गए. इस जमीन को लेने और फिर रिसोर्ट बनाने में 25 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्चा हुआ है. लेकिन सरकार को इसका सिर्फ 7 करोड़ रुपये खर्च ही बताया गया है. ED ने इसकी जांच शुरू कर दी है.
पुणे में अनिल परब के दो ठिकानों पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में रेड चल रही है. पुणे के कोथरुड इलाके में पैलेडियम और इन्द्रधनु नाम की दो इमारतों में भी सुबह 6 बजे ED की टीम पहुंची थी. इन दोनों ही इमारत में विभाष साठे के फ्लैट हैं. ये वही विभाष साठे हैं जिससे जमीन लेकर अनिल परब ने अवैध रिसोर्ट बनाया था. साठे पर आरोप है कि पैसे के लेनदेन में कुछ गड़बड़ी की गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन्द्रधनु अपार्टमेंट के फ्लैट को बिभाष साठे ने अपने किसी निजी व्यक्ति को किराए पर दे रखा है. जबकि पैलेडियम इमारत की 20वीं मंजिल पर विभाष साठे रहता है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग कानून (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत एक ताजा मामला दर्ज किया है, जिसके बाद दापोली, मुंबई और पुणे में कई स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं. तीन बार महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित परब (57) फिलहाल राज्य के परिवहन मंत्री हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई दापोली में 2017 में परब के एक करोड़ रुपये के प्रतिफल मूल्य पर एक जमीन की खरीद संबंधी आरोपों से जुड़ी है. इस जमीन को 2019 में रजिस्टर किया गया था. एजेंसी कुछ अन्य आरोपों की भी जांच कर रही है.
आरोप है कि इस जमीन को बाद में मुंबई के केबल ऑपरेटर सदानंद कदम को 2020 में 1.10 करोड़ रुपए में बेच दिया गया था. इस बीच, इसी जमीन पर 2017 से 2020 तक एक रिसॉर्ट बनाया गया. आयकर विभाग की जांच में पहले कहा गया था कि रिजॉर्ट का निर्माण 2017 में शुरू हुआ था और इसके निर्माण में 6 करोड़ रुपए नकद खर्च किए गए थे. इससे पहले, निदेशालय ने पूर्व मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े धनशोधन के एक अन्य मामले में परब से पूछताछ की थी.
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