Ankita Bhandari Murder Case: अंकिता भंडारी मामले की नहीं होगी CBI जांच, हाई कोर्ट ने कहा- SIT की इन्वेस्टिगेशन पर संदेह नहीं
Ankita Bhandari Murder Case: अंकिता भंडारी हत्याकांड केस में हाई कोर्ट ने कहा कि विशेष जांच दल (SIT) की जांच पर शक नहीं किया जाना चाहिए है.

Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड की CBI से जांच के अनुरोध वाली याचिका बुधवार (21 दिसंबर) को खारिज कर दी.
जस्टिस संजय कुमार की एकल न्यायाधीश वाली पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि एक विशेष जांच दल (SIT) पहले से ही मामले की जांच कर रहा है और इस पर संदेह नहीं किया जाना चाहिए. हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में किसी वीआईपी का बचाव नहीं किया जा रहा है, जैसा कि याचिका में आरोप लगाया गया है.
क्या दावा था?
पौड़ी गढ़वाल निवासी आशुतोष नेगी ने याचिका दायर करके दावा किया था कि पुलिस और एसआईटी इस मामले में अहम सबूत छिपा रही है. याचिका में कहा गया था कि एसआईटी (SIT) ने अभी तक पीड़िता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है. इसी याचिका पर उत्तराखंड हाई कोर्ट ने यह बात कही है.
मामला क्या है?
अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के पास वनंतरा रिसॉर्ट में एक रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करती थी और उसके मालिक पुलकित आर्य और उसके दो साथियों द्वारा उसे कथित तौर पर तब मार डाला गया था, जब उसने रिसॉर्ट में आने वाले एक वीआईपी को 'अतिरिक्त सेवाएं' देने के लिए उनके दबाव में आने से इनकार कर दिया था. अंकिता की हत्या को लेकर लोगों में काफी आक्रोश उत्पन्न हुआ था. बता दें कि शुरुआती जांच में पुलिस पर आरोप लग रहे थे कि उन्होंने सबूत मिटाए है.
सरकार ने क्या कहा?
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी पहले कह चुके कि पुलिस और एसआईटी मामले की सही से जांच कर रही है. वहीं इस कांग्रेस का कहना कि पुलिस पर दवाब बनाया जा रहा है.
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