अन्ना हजारे का उद्धव सरकार से सवाल, पूछा- शराब की दुकानें खुल सकती हैं, तो मंदिर क्यों नहीं?
महाराष्ट्र सरकार अभी भी कोरोना वायरस के प्रसार के डर से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने से कतरा रही है, खासकर जब महामारी की तीसरी लहर का अनुमान लगाया जा रहा है.
पुणे: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने राज्य में मंदिरों को फिर से नहीं खोलने के महाराष्ट्र सरकार के रुख पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि अगर मंदिरों पर से प्रतिबंध हटाने के लिए आंदोलन किया जाता है तो वह उसे अपना समर्थन देंगे. हजारे ने ठाकरे सरकार के मंदिरों को फिर से खोलने से इनकार करने पर सवाल उठाया और इसके लिए उन्होंने शराब की दुकानों के बाहर लगी 'लंबी कतार' की ओर इशारा करते हुए सरकार पर कटाक्ष भी किया.
अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में शनिवार को हजारे ने कहा कि मंदिरों को फिर से खोलने की मांग करने वाले कुछ लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की थी. उन्होंने कहा, "राज्य सरकार मंदिर क्यों नहीं खोल रही है? लोगों के लिए मंदिर खोलने में राज्य सरकार को क्या खतरा दिखता है? अगर कोविड कारण है, तो फिर शराब की दुकानों के बाहर बड़ी कतारें क्यों हैं."
धार्मिक स्थल खोलने से कतरा रही ठाकरे सरकार
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने कोरोना वायरस की स्थिति में सुधार को देखते हुए कई क्षेत्रों को फिर से खोल दिया और पूरी तरह से टीका लगाने वाले लोगों को मुंबई में लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति दी गई है. हालांकि, राज्य सरकार अभी भी कोरोना वायरस के प्रसार के डर से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने से कतरा रही है, खासकर जब महामारी की तीसरी लहर का अनुमान लगाया जा रहा है. विशेष रूप से, विपक्षी बीजेपी मांग करती रही है कि लोगों के लिए मंदिर फिर से खोले जाएं.
बता दें, महाराष्ट्र में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 4666 नए मामले सामने आने के साथ ही राज्य में संक्रमण की चपेट में आए लोगों की संख्या बढ़कर 64 लाख 56 हजार 939 तक पहुंच गई. इसी दौरान कोविड के 131 मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1 लाख 37 हजार 157 हो गई.
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