रालेगण सिद्धि (महाराष्ट्र): बीते पांच दिनों से अनशन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रविवार को आगाह किया कि अगर नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने वायदे पूरे नहीं किए तो वह अपना पद्म भूषण सम्मान लौटा देंगे. इससे पहले दिन में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना हजारे के समर्थन में आगे आयी और उनसे आग्रह किया कि वह समाजवादी कार्यकर्ता जयप्रकाश नारायण की तरह भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करें.


हजारे ने केंद्र में लोकपाल और महाराष्ट्र में लोकायुक्त की तत्काल नियुक्ति और किसानों के मुद्दों के समाधान के लिए बुधवार को अहमदनगर जिले में स्थित अपने पैतृक गांव रालेगण सिद्धि में अनशन शुरू किया था. हजारे ने रविवार को कहा, ‘‘अगर यह सरकार अगले कुछ दिनों में देश से किए अपने वायदों को पूरे नहीं करती है तो, मैं अपना पद्म भूषण लौटा दूंगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मोदी सरकार ने लोगों के विश्वास को तोड़ा है.’’ 81 साल के कार्यकर्ता को 1992 में तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान दिया गया था.


हजारे केंद्र में भ्रष्टाचार रोधी निकाय लोकपाल और राज्य में लोकायुक्तों की नियुक्ति के अलावा किसानों की परेशानियों को हल करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और चुनाव सुधार की मांग कर रहे हैं. सामाजिक कार्यकर्ता की मांगों के समर्थन में किसान और युवा भी आगे आए. युवाओं ने 38 किलोमीटर दूर पारनेर तहसील के सुपा गांव में अहमदनगर-पुणे राज्य राजमार्ग को अवरूद्ध कर दिया.


सुपा थाने के निरीक्षक राजेंद्र भोंसले ने कहा कि पुलिस ने आंदोलनकारियों को शांत करने की कोशिश की और उनसे अवरोध खत्म करने को कहा, क्योंकि सड़क पर दोनों ओर छह किलोमीटर लंबा यातायात जाम लग गया था. उन्होंने कहा कि पुलिस ने सड़क पर से अवरोध खत्म करने के लिए दोपहर को करीब 110 आंदोलनकारियों को हिरासत में ले लिया और बाद में उन्हें छोड़ दिया.


हजारे की स्वास्थ्य जांच करने वाले डॉ धनजंय पोटे ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता का बीते पांच दिन में 3.8 किलोग्राम वजन कम हो गया है, जबकि उनका रक्तचाप, रक्त में शकरा की मात्रा (ब्लड शुगर) मूत्र में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ गई है. हजारे के सहयोगियों ने बताया कि जिले के करीब पांच हजार किसान हजारे के आंदोलन के समर्थन में सोमवार को अहमदनगर के कलेक्टर के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर सकते हैं. कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने का निर्णय शनिवार रात को रालेगण सिद्धि में हुई ग्राम सभा में लिया गया.


पारनेर तहसील की विभिन्न राजनीति पार्टियों के नेता ग्राम सभा में मौजूद थे और उन्होंने हजारे के आंदोलन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए कहा कि वह सामाजिक कार्यकर्ता की जिंदगी से ना ‘‘खेले.’’


ठाकरे ने हजारे से अपनी जिदंगी ‘त्यागने’ के बजाय सड़क पर उतरने को कहा. साथ में उनसे अनुरोध किया कि उन्हें नारायण जैसी भूमिका निभानी चाहिए. समाजवादी कार्यकर्ता ने 1970 के देश में इंदिरा गांधी सरकार का मुकाबला किया था. शिवसेना नेता ने कहा कि हजारे का हश्र जीडी अग्रवाल की तरह नहीं होना चाहिए जिन्होंने स्वच्छ गंगा के लिए अनशन किया था और उनका निधन हो गया. हजारे ने अपनी मांगों पर चर्चा के संबंध में राज्य सरकार के दूत और मंत्री गिरीश महाजन से मिलने से इनकार कर दिया था.


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