नई दिल्ली: समाजसेवी अन्ना हजारे ने लोकपाल की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर आंदोलन की चेतावनी दी है. अन्ना हजारे ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी भी लिखी है. अन्ना हजारे ने कहा है कि अगर लोकपाल नहीं लाया गया तो वह फिर से आंदोलन करेंगे. हालांकि अभी आंदोलन की जगह और तारीख तय नहीं की गई है.

अन्ना हजारे ने अपनी चिट्ठी में क्या लिखा है- 

अन्ना ने पीएम को लिखी चिट्ठी में कहा है, ‘’भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना देखते हुए अगस्त 2011 में रामलिला मैदान पर और पूरे देशभर में ऐतिहासिक आंदोलन हुआ था. इस आंदोलन को देखते हुए 27 अगस्त 2011 के दिन संसद में ‘Sense of the House’ से रिज्युलेशन पास किया गया था. जिसमें केंद्र में लोकपाल, हर राज्यों में लोकायुक्त और सिटिझन चार्टर ऐसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर जल्द से जल्द कानून बनाने का निर्णय किया गया था. लेकिन आज छह साल बाद भी भ्रष्टाचार को रोखनेवाले एक भी कानून पर अमल नहीं हो पाया है.’’

सत्ता में आने के तीन साल बाद भी आपने जवाब नहीं दिया- अन्ना

आपको सत्ता में आने के तीन साल बाद भी में लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर कोई जबाव नहीं आया. लोकपाल और लोकायुक्त कानून बनते समय संसद में विपक्ष की भूमिका निभा रहे आपकी पार्टी के नेताओं ने भी इस कानून को पुरा समर्थन दिया था. 26 मई 2014 को आपकी पार्टी की सरकार सत्ता में आयी. लोकपाल आंदोलन के बाद देश की जनता ने बडी उम्मीद से आपके नेतृत्व में नई सरकार को चुन कर दिया था. मैंने आपको याद दिलाने के लिए पिछले तीन साल में कई बार पत्र लिखा. लेकिन आपने कार्रवाई के तौर पर ना तो पत्र का जवाब दिया, ना ही अमल किया. ना कभी जनता के साथ संवाद करते समय और ना कभी मन की बात में लोकपाल और लोकायुक्त का जिक्र किया. फिर कैसे होगा भ्रष्टाचार मुक्त भारत ?

आपके कथनी और करनी में अंतर- अन्ना

आश्चर्यजनक बात यह है कि, जिस राज्यों में विपक्ष की सरकारें हैं वहां तो नहीं लेकिन जिस राज्यों में आपके पार्टी की सरकारे हैं, वहां भी नये कानून के तहत लोकायुक्त नियुक्त नहीं किए गये हैं. इससे यह स्पष्ट होता है की आप के पास लोकपाल लोकायुक्त कानून पर अमल करने के लिये इच्छाशक्ति का अभाव है. आपके कथनी और करनी में अंतर पड़ रहा है. फिर कैसे होगा भ्रष्टाचार मुक्त भारत?

समाज और देश की भलाई के लिये फिर करुंगा आंदोलन- अन्ना

इसके पहले 28 मार्च 2017 को मैने आपसे पत्र लिखा था कि अगर लोकपाल और लोकायुक्त कानून पर अमल नहीं होता तो मेरा अगला पत्र दिल्ली में होने वाले आंदोलन के बारें में होगा. उसी पत्र के मुताबिक मैंने समाज और देश की भलाई के लिये दिल्ली में आंदोलन करने का निर्णय लिया हैं.

अगले पत्र में आंदोलन की तारीख और जगह बता दूंगा- अन्ना

35 साल से मैं आंदोलन करते आया हूं. लेकिन कभी किसी पक्ष और पार्टी या व्यक्ती के विरोध में आंदोलन नहीं किया हैं. सिर्फ समाज और देश के हित के लिए आंदोलन करते आया हूं. 3 साल तक मैंने आपकी सरकार को याद दिलाते हुए बार-बार पत्र लिखकर लोकपाल और लोकायुक्त नियुक्ती के लिए और किसानों को अपने खेती में पैदावारी के खर्चेपर आधारीत सही दाम मिले इसलिए लिखा था. लेकिन आपने उसका जवाब ही नहीं दिया और कुछ भी कार्रवाई नहीं की. इसलिए अब मैंने दिल्ली में आंदोलन करने का निर्णय लिया है. जब तक उपरोक्त मुद्दों पर जनहित में सही निर्णय और अमल नहीं होता तब तक मैं मेरा आंदोलन दिल्ली में जारी रखूंगा. अगले पत्र में आंदोलन की तारीख और स्थल के बारे में अवगत किया जाएगा.''

जय हिंद. भवदीय, अन्ना हजारे