Press Conference In Many Cities: 7 सितंबर से प्रस्तावित कन्याकुमारी से कश्मीर तक की 3500 किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के संबंध में कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को महत्वपूर्ण एलान किये हैं. जिनके तहत सबसे पहले 29 अगस्त को एक साथ 22 शहरों में प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए दिल्ली चलो का नारा दिया जाएगा. जबकि इसके बाद 05 सितंबर को 32 शहरों में पत्रकारवार्ता का आयोजन किया जाएगा. जिसमें अपनी विभिन्न रणनीतियों और तमाम मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी अपना पक्ष रखेगी. इससे पहले राहुल गांधी ने सोमवार को दिल्ली में यात्रा को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं और विभिन्न आंदोलनों से जुड़े चेहरों के साथ बैठक की थी. जिसमें यात्रा के न्यौते को अधिकांश लोगों ने स्वीकार किया था.


सोमवार को पहले राहुल गांधी ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से पहले सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके साथ कोई चले न चले, वह अकेले चलेंगे. यह यात्रा राजनैतिक है, लेकिन राहुल गांधी इसे तपस्या मान रहे हैं. यहां उन्होंने यह भी साफ किया था कि नफरत फैलाने वालों के अलावा भारत जोड़ो यात्रा में सभी का स्वागत है. इसके बाद मंगलवार को अब कांग्रेस पार्टी ने यात्रा के संबंध में आयोजित होने वाली प्रेस कांफ्रेसों की पुष्टि की है. बताया गया कि 29 अगस्त को एक साथ 22 शहरों में कांग्रेस पार्टी व वरिष्ठ पदाधिकारी प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करेंगे. जिसमें सरकार को महंगाई के मुद्दे पर घेरा जाएगा. इसके साथ ही इस दौरान दिल्ली चलो का नारा भी बुलंद किया जाएगा. इसकी अगली कड़ी में 05 सितंबर को 32 शहरों में कांफ्रेस आयोजित की जाएगी.


बड़ा संपर्क अभियान है भारत जोड़ो यात्रा


कांग्रेस पार्टी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक करीब 3500 किलोमीटर की "भारत जोड़ो यात्रा" का एलान किया था. जिसकी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. पहले यह यात्रा 2 अक्टूबर से शुरू होनी थी, जिसकी तारीख अब 7 सितंबर कर दी गई थी. करीब 5 महीने चलने वाली यह यात्रा 14 प्रदेशों से होकर गुजरेगी. राहुल गांधी की यह यात्रा आगामी लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ा जनसंपर्क अभियान है. यात्रा के दौरान राहुल पीएम नरेंद्र मोदी को उनकी नीतियों पर जमकर घेरेंगे. राहुल और कांग्रेस दोनों के भविष्य के लिए यह यात्रा बेहद अहम है. इसलिए पार्टी इसमें पूरी ताकत झोंकने जा रही है. दिलचस्प यह है कि सामाजिक कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के करीब लाने की मुहिम के केंद्र में योगेंद्र यादव जैसे चेहरे हैं. जिन्होंने कभी यूपीए सरकार के समय कांग्रेस का जमकर विरोध किया था.


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कांग्रेस के घड़ी की सारी सुईयां राहुल गांधी पर आकर टिकती हैं !