ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने गुरुवार (21 नवंबर, 2024) को कहा कि वह 23 नवंबर को वार्षिक आम सत्र आयोजित करेगा, जिसमें वक्फ को बचाने की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. इस अवसर पर ईदगाह कुद्दूस साहब (मैदान) में ‘‘शरीयत और औकाफ की सुरक्षा’’ पर केंद्रित एक जनसभा आयोजित की जाएगी.


बोर्ड ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बोर्ड का 29वां सत्र कर्नाटक के सबसे बड़े मदरसे - दारुलउलूम सबील-उर-रशद में आयोजित किया जाएगा. बोर्ड ने कहा, ‘‘इन दो दिन में बोर्ड के सदस्यों और विशेष आमंत्रित सदस्यों के विभिन्न परामर्श सत्र होंगे, जिसमें बोर्ड की विभिन्न समितियों की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएंगी और भविष्य की कार्ययोजना भी तय की जाएगी, विशेषकर वक्फ के बचाव से संबंधित रणनीति पर चर्चा की जाएगी.’’


‘विधेयक की सामग्री ठीक नहीं’


फिलहाल बोर्ड वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ एक आंदोलन चला रहा है. बोर्ड ने कहा कि वर्तमान सरकार की ओर से प्रस्तुत विधेयक की सामग्री ठीक नहीं है. यही कारण है कि बोर्ड समेत सभी मुस्लिम संगठनों और पार्टियों ने इसे खारिज करने का फैसला किया है.’


JPC का कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्य


वहीं वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति में शामिल विपक्षी सदस्यों ने समिति का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की और कहा कि उन्हें मसौदा कानून में बदलावों का अध्ययन करने के लिए और समय चाहिए. समिति की बैठक में अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य जगदंबिका पाल ने कहा कि गुरुवार की बैठक समिति की आखिरी बैठक होगी और एक मसौदा रिपोर्ट शीघ्र ही सदस्यों को वितरित की जाएगी. इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताया और नारेबाजी की. उनमें से कुछ ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को फोन किया और मामले में उनसे हस्तक्षेप की मांग की. लोकसभा ने समिति को सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है.


यह भी पढ़ें- Maharashtra Elections: हरियाणा की तरह एग्जिट पोल होंगे फेल! महाराष्ट्र चुनाव को लेकर ये क्या भविष्यवाणी कर गए संजय राउत