नई दिल्लीः  भारत में मेडिकल एजुकेशन महंगी होती जा रही है. एमबीबीएस की लगभग 28 फीसदी सीटों की सिर्फ ट्यूशन फीस ही 10 लाख रुपये प्रति वर्ष से ज्यादा है. ज्यादा फीस इन सीटें को अमीरों के लिए एक कोटा बनाती है जो कि एससी (15 फीसदी), एसटी (7.5 फीसदी) और ओबीसी (27 फीसदी) से भी ज्यादा है. यह 28 फीसदी हिस्सा कुल सीटों का है. यह आंकड़ा 530 एमबीबीएस कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की फीस के डिटेल एनालिसिस पर बेस्ड है. डीम्ड विश्वविद्यालयों को छोड़कर प्राइवेट कॉलेजों में लगभग आधी सीटें मैनेजमेंट कोटा या एनआरआई कोटा में आती हैं.


एनआरआई कोटा में औसत वार्षिक ट्यूशन फीस लगभग 25 लाख रुपये प्रति वर्ष है. मैनेजमेंट कोटा के लिए औसत फीस लगभग 11 लाख रुपये है. हालांकि पश्चिम बंगाल में निजी कॉलेजों में यह 4 लाख सालाना है. वहीं, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्यों में ट्यूशन फीस 18 लाख से 20 लाख रुपये तक है. ट्यूशन फीस के अलावा लगभग सभी कॉलेज हॉस्टल, मेस, परीक्षा, पुस्तकालय जैसी चार्जेज के रूप में सालाना लगभग 2 लाख रुपये लेते हैं.


डीम्ड विश्वविद्यालयों में सबसे ज्यादा फीस
सबसे महंगी सीटें डीम्ड विश्वविद्यालयों में हैं. इन विश्वविद्यालयों में 8,500 से अधिक सीटे हैं जो कि एमबीबीएस की कुल सीटों का 10 फीसदी हैं. नीट में क्वालिफाई करने वाले 7.7 लाख में से 3 फीसदी या लगभग 23,000 स्टूडेंट्स ने इन सीटों के लिए एप्लाई किया था. इन कॉलेजों में एनआरआई सीटों के लिए औसत सालाना ट्यूशन फीस 36 लाख रुपये है, जो पूरे कोर्स के लिए लगभग 1.6 करोड़ रुपये बैठती है. इनमें मैनेजमेंट सीटों की औसत ट्यूशन फीस 18 लाख रुपये है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार अमीरों के वर्चुअल आरक्षण के कारण नीट में 6 लाख से भी कम रैंक वालों को भी इन सीटों पर एडमिशन मिला. जबकि एमबीबीएस की लगभग 83,000 सीटें हैं.


सरकारी कॉलेजों में भी बढ़ी फीस
यहां तक कि कुछ राज्यों के सरकारी कॉलेज, जैसे गुजरात (11 कॉलेज) और राजस्थान (8 कॉलेज) में मैनेजमेंट सीटें (1,350) और एनआरआई सीटों (580) की औसतन ट्यूशन फीस 18.5 लाख रुपये सालाना है इन सरकारी कॉलेजों में मैनेजमेंट कोटा की सीटें गुजरात के कुछ म्युनिसिपल मेडिकल कॉलेजों में 7.3 लाख रुपये से 18 लाख रुपये प्रति वर्ष है.


अधिकांश राज्यों की सरकारें मेडिकल एजुकेशन की उच्च लागत का हवाला देते हुए अपने मेडिकल कॉलेजों में फीस बढ़ाने पर जोर दे रही हैं. पंजाब में सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस की कोस्ट 4.4 लाख रुपये से बढ़कर 7.8 लाख रुपये हो गई, जो देश में सबसे ज्यादा है. वहीं, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के अधिकांश सरकारी कॉलेजों में ट्यूशन फीस प्रति वर्ष लगभग एक लाख रुपये है.


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