सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल): उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी के निकट शुक्रवार को एक पुराना पुल ढह गया. इस घटना में एक ट्रक चालक घायल हो गया. बीते तीन दिन में राज्य में पुल ढहने की यह दूसरी घटना है. इससे पहले चार सितंबर को दक्षिण कोलकाता में माजेरहाटर पुल ढह गया था. उस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी जबकि 24 अन्य लोग घायल हो गए थे.
सिलीगुड़ी के निकट सुबह करीब साढ़े नौ बजे पुल का बीच का हिस्सा एक नहर में गिर गया. घटना के वक्त पुल से एक ट्रक गुजर रहा था जोकि पुल के टूटे हिस्से में फंस गया. यह पुल मानगंज और फांसीदेवा इलाकों को उत्तर बंगाल के प्रमुख शहर सिलीगुड़ी से जोड़ता है.
उत्तर बंगाल के विकास मंत्री रवींद्रनाथ घोष ने कहा, ‘‘ सामान से लदे ट्रकों की इस पुल पर आवाजाही प्रतिबंधित है लेकिन उत्तरपूर्वी राज्यों की ओर से आए ऐसे कई वाहनों को इस पुल पर देखा जा सकता था. यह हादसा उसी का परिणाम है.’’
उन्होंने कहा कि उक्त पुल बहुत पुराना था, उस ढांचे से संबंधित दस्तावेज भी मौजूद नहीं हैं. लोक निर्माण विभाग इस बारे में रिपोर्ट तैयार कर रहा है जिसके बाद मरम्मत का काम किया जाएगा. पर्यटन मंत्री गौतम देब ने कहा कि पुल की देखरेख माकपा नीत वाम दल द्वारा संचालित सिलीगुड़ी महाकुमा परिषद करती थी.
उन्होंने कहा, ‘‘इसकी रिपोर्ट मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दूंगा.’’ दार्जीलिंग जिले से माकपा के वरिष्ठ नेता जिबेश सरकार ने आरोप लगाया कि पुल की मरम्मत करने के अनुरोधों को तृणमूल कांग्रेस सरकार और जिला प्रशासन ने नजरंदाज किया.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने राज्य तथा स्थानीय प्रशासन को बताया था कि इसकी मरम्मत करने की जरूरत है. लेकिन यह वामदल के नेतृत्व वाली महाकुमा परिषद है इसलिए सरकार ने पैसा जारी नहीं किया.’’ इससे पहले 11 अगस्त को फांसीदेवा में भी एक फ्लाईओवर ढह गया था लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ था.
मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को कहा था कि राष्ट्र भर में पुलों का सर्वे किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि कोलकाता में और इर्दगिर्द के इलाकों में ऐसे 20 पुल हैं जो अपनी मियाद पूरी कर चुके हैं.