सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ कांड में एक और गवाह अपने बयान से पलटा
अदालत में उसने जांच एजेंसी द्वारा कोई पत्र दिखाए जाने या प्रजापति का आवेदन हासिल करने से इनकार किया. इसके बाद अभियोजन पक्ष ने बयान से मुकरने वाला गवाह घोषित कर दिया.
मुम्बई : सोहराबुद्दीन शेख कथित फर्जी मुठभेड़ कांड में अभियोजन पक्ष का एक और गवाह मुम्बई की एक अदालत में अपने बयान से पलट गया. इसके साथ ही ऐसे गवाहों की संख्या 53 हो गयी है. गवाह अशोक कुमार भटनागर से विशेष न्यायाधीश एस जे शर्मा के सामने सीबीआई ने शेख और उसके सहयोगी तुलसी प्रजापति के मामले में सवाल जवाब किया. ये दोनों क्रमश : 2005 और 2006 में मारे गये थे.
भटनागर तब दिसंबर , 2005 से उदयपुर में जिलाधिकारी के कार्यालय में न्यायिक अनुभाग में कनिष्ठ लिपिक के रुप में काम कर रहा था.
अपने पिछले बयान में उसने कहा था कि सीबीआई ने प्रजापति एवं दो अन्य द्वारा उदयपुर के जिलाधिकारी को लिखे गये तीन पत्र उसे दिखाए थे. उनमें एक पत्र 11 मई , 2006 को हिंदी में टाइप किया गया था.
उसने बताया था तीनों जयपुर की केंद्रीय जेल में बंद थे और आवेदन में उन पर और अन्य कुछ कैदियों पर 25 मार्च , 2006 हमले का उल्लेख था.जिलाधिकारी के कार्यालय में यह आवेदन 16 मई , 2006 को डाक के माध्यम से पहुंचा था. न्यायिक अनुभाग में उसने यह पत्र हासिल किया था. उस पर जरुरी कार्रवाई के बाद उसे आगे की कार्रवाई के लिए जिला पुलिस अधीक्षक के पास भेज दिया गया था.
लेकिन शुक्रवार अदालत में उसने जांच एजेंसी द्वारा कोई पत्र दिखाए जाने या प्रजापति का आवेदन हासिल करने से इनकार किया. इसके बाद अभियोजन पक्ष ने बयान से मुकरने वाला गवाह घोषित कर दिया. यह अदालत अबतक 78 गवाहों का परीक्षण कर चुकी है जिसमें से 53 अपने बयान से मुकर चुके हैं. प्रजापति दिसंबर , 2006 में कथित फर्जी मुठभेड़ में मारा गया था.