Yudh Abhyas 2022: अलर्ट मिलते ही ये चील आसमान में गिरा देती है ड्रोन, भारत-यूएस युद्धाभ्यास का बना मुख्य आकर्षण, देखें वीडियो
Yudh Abhyas: ड्रोन का युद्ध से लेकर निगरानी करने तक में इस्तेमाल हो रहा है. पाकिस्तान भी ड्रोन के जरिए ही पंजाब और जम्मू से सटी सीमा में हथियार और ड्रग्स भेजता है, जिसे भारतीय सेना असफल कर दे रही है.
Yudh Abhyas 2022: उत्तराखंड के औली में चल रहे भारत और अमेरिका के साझा युद्धाभ्यास का मुख्य आकर्षण एंटी-ड्रोन चील है. आपको यकीन नहीं होगा लेकिन ये हकीकत है. भारतीय सेना अब जानवरों और खास बर्ड्स को एंटी-ड्रोन तकनीक के लिए इस्तेमाल कर रही है. ऐसी ही एक काइट यानी चील ने मंगलवार (29 नवंबर) को अमेरिकी सेना की मौजूदगी में एक ड्रोन को आसमान में मार गिराया.
रूस-यूक्रेन युद्ध हो या फिर पाकिस्तान से सटी सीमा ड्रोन एक डिसरप्टिव-टेक्नोलॉजी (Disruptive Technology) बनते जा रहे हैं. युद्ध के दौरान दुश्मन की सीमा में बमबारी करने से लेकर टैंक और तोप तक को तबाह करने के लिए ड्रोन और यूएवी का इस्तेमाल किया जा रहा है. पाकिस्तान लगातार पंजाब और जम्मू से सटी सीमा में हथियार और ड्रग्स की खेप भी ड्रोन के जरिए भेजता है. ऐसे में इन ड्रोन से निजात पाने के लिए भारतीय सेना जुटी हुई है.
कैसे मिलता है अलर्ट
डीआरडीओ से लेकर प्राइवेट कंपनियां भी लेजर और फ्रीक्वेंसी जाम करने वाले एंटी-ड्रोन सिस्टम मार्केट में लाई है लेकिन इन सबके बीच भारतीय सेना ने डॉग्स और काइट (चील) को ड्रोन मार गिराने के लिए तैयार किया है. इन डॉग्स और ईगल (चील) को भारतीय सेना के मेरठ स्थित आरवीसी सेंटर भी खास ट्रेनिंग दी गई है.
#WATCH | Indian Army demonstrates the capability of the trained Kite to take down small drones at Auli in Uttarakhand pic.twitter.com/AkZvbTJjSi
— ANI (@ANI) November 29, 2022
आसमान में ड्रोन की घनघन की आवाज को दूर से सुनकर ही सेना के असॉल्ट-डॉग्स चौकान्ने हो जाते हैं और अपने हैंडलर को अलर्ट कर देते हैं. ड्रोन का अलर्ट पाते ही ईगल को आसमान में छोड़ दिया जाता है. ये चील आसमान में ड्रोन को ढूंढकर अपने पंजों से गिरा देती है.
क्या खास बात है?
खास बात ये है कि इन चीलों पर सेना ने एक कैमरा भी लगा दिया है. ऐसे में इन चीलों का इस्तेमाल निगरानी के लिए भी किया जा सकता है. बॉर्डर पर दुश्मन की हरकत पर ये चील निगाह रखने का काम भी कर सकती है. चील पर लगे कैमरे की फुटेज सेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है.
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