महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष ने किसानों के लिए इस्तेमाल किए अपशब्द
मुंबई: ऐसे समय में जब महाराष्ट्र में किसानों की खुदकुशी को रोक पाने में राज्य सरकार नाकाम है, उसी पार्टी के नेता किसानों की मौत को लेकर असंवेदनशील नज़र आ रहे हैं. महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष रावसाहेब दानवे किसानों के मुश्किल समय में किसानों का साथ देने के बजाए उनको गाली दे रहे हैं .
राव साहेब दानवे से पूछा गया कि कपास, दलहन का क्या होगा ? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ''इसका रोना बंद करो. फिर कह रहा हूं अब तुअर की बात मत करना, मैं खाऊंगा क्या ? सरकार एक लाख टन तुअर दाल खरीद की मंजूरी दे चुकी है. फिर भी रो रहे हैं. तुम क्या ज्यादा अखबार पढ़ते हो?''
दानवे के आपत्तिजनक बयान के बाद महाराष्ट्र में राजनीति का पारा चढ़ गया है. सहयोगियों के साथ विपक्षी दल भी दानवे पर भड़के हुए हैं .
दानवे के बयान पर मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम का कहना है कि, ''ऐसा लगता है कि दानवे साहब महाराष्ट्र के किसानों के लिए दानव बन गए हैं तो ऐसे दानव से महाराष्ट्र के किसानों को बचाया जाए.''
एनसीपी के विधायक जितेंद्र आव्हाड़ ने दानवे के बयान पर कहा है, ''अगर वे सच्चे किसान के बेटे है, इस काली मिट्टी से उनका संबंध है तो उन्हें किसानों से अपने इस बयान पर हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिये.''
दानवे के विवादित बयान बीजेपी के लिए भी मुश्किल बन गया है. ऐसे में पार्टी की ओर से दानवे की नसीहत मिली है. बीजेपी नेता शाइन एनसी का कहना है, ''अगर आप टिप्पणी करते जाएंगे अपने राजनीतिक लाभ के लिए तो मुझे लगता है कि वो अफसोसजनक है जब सरकार की नीति और नियत में कोई खोट नहीं है.''
आपको बता दें कि यही दानवे किसानों को लेकर पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं, किसानों की कर्ज माफी पर दानवे ने कहा था कि विपक्ष लिखकर दे कि कर्ज माफी के बाद किसान खुदकुशी नहीं करेंगे.
महाराष्ट्र में किसानों की कर्ज माफी को विपक्षी दलों ने मुद्दा बना रखा है, वहीं तुअर दाल उत्पादक किसान भी परेशान हैं. केंद्र की ओर से 1 लाख टन अतिरिक्त तुअर दाल की खरीद के आदेश के बावजूद कई जिलों में दाल की सरकारी खरीद बंद है.