कनाडा में खालिस्तानी जनमत संग्रह मुद्दे पर MEA का सख्त रुख, भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की-10 बड़ी बातें
Canada में खालिस्तानी जनमत संग्रह मामले में कड़ा रुख दिखाते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है और इसे आपत्तिजनक बताया है. साथ ही वहां रह रहे भारतीयों के लिए एडवायजरी जारी किया है.
Canada Violence: भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कनाडा में तथाकथित खालिस्तानी जनमत संग्रह मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि कनाडा (Canada) में घृणा अपराध, नस्ली हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों (Anti India Activities) से जुड़ी घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है, ऐसे में वहां रह रहे भारतीय नागरिकों और छात्रों को सचेत एवं चौकस रहने की सलाह दी जाती है.
विदेश मंत्रालय और कनाडा में भारतीय उच्चायोग एवं महावाणिज्य दूतावास ने वहां के प्रशासन के समक्ष इन घटनाओं को उठाया है और ऐसे अपराध की जांच करने एवं उपयुक्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है. विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि ऐसे अपराधों को अंजाम देने वालों को कनाडा में अब तक न्याय के कठघरे में नहीं खड़ा किया गया है.
Advisory for Indian Nationals and Students from India in Canadahttps://t.co/dOrqyY7FgN pic.twitter.com/M0TDfTgvrG
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) September 23, 2022
जानिए 10 बड़ी बातें
- भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘ऐसे अपराधों के बढ़ते मामलों को देखते हुए कनाडा में भारतीय नागरिकों एवं छात्रों तथा वहां यात्रा/शिक्षा के लिये जाने वालों को सचेत एवं सतर्क रहने की सलाह दी जाती है.’’
- कनाडा में भारतीय नागरिक एवं छात्र ओटावा में भारतीय उच्चायोग या टोरंटो और वेंकूवर में महावाणिज्य दूतावास के साथ संबंधित वेबसाइट या ‘मदद पोर्टल madad.gov.in’ पर पंजीकरण करा सकते हैं. पंजीकरण कराने से उच्चायोग और महावाणिज्य दूतावास के लिए किसी भी जरूरत या आपात स्थिति में कनाडा में भारतीय नागरिकों से बेहतर ढंग से सम्पर्क करना सुगम होगा.
- कनाडा ने भारत की सम्प्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की बात कही है, लेकिन यह बेहद आपत्तिजनक है कि एक मित्र देश में कट्टरपंथी एवं चरमपंथी तत्वों को राजनीति से प्रेरित ऐसी गतिविधि की इजाजत दी जा रही है. भारत ने कहा, कनाडा सरकार ने कहा था कि वे उनके देश में हो रहे तथाकथित जनमत संग्रह को मान्यता नहीं देते हैं.
- भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कनाडा में ‘तथाकथित खालिस्तानी जनमत संग्रह’ पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि यह ‘बेहद आपत्तिजनक’ है कि एक मित्र देश में कट्टरपंथी एवं चरमपंथी तत्वों को राजनीति से प्रेरित ऐसी गतिविधि की इजाजत दी गई.
- संवाददाताओं से एक दिन पहले की गई बातचीत में बागची ने कहा था कि भारत ने इस मामले को राजनयिक माध्यमों से कनाडा के प्रशासन के समक्ष उठाया है और इस मुद्दे को कनाडा के समक्ष उठाना जारी रखेगा. उन्होंने तथाकथित खालिस्तानी जनमत संग्रह को फर्जी कवायद करार दिया था.
- बता दें कि 19 सितंबर को खालिस्तान समर्थक समूह सिख फॉर जस्टिस द्वारा कनाडा के ब्रैम्पटन, ओंटारियो में आयोजित किए गए खालिस्तान जनमत संग्रह में 1,00,000 से अधिक कनाडाई सिखों ने भाग लिया था.
- सिख फॉर जस्टिस को भारत में 2019 में एक गैरकानूनी संगठन के रूप में प्रतिबंधित कर दिया गया था. अपने अलगाववादी एजेंडा के तौर पर यह संगठन खालिस्तान बनाने के लिए पंजाब स्वतंत्रता जनमत संग्रह अभियान चलाता है.
- बीते हफ्ते टोरंटो के एक प्रमुख हिंदू मंदिर पर कनाडा के खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा भारत विरोधी ग्राफिटी बनाकर उसे विरूपित करने का मामला सामने आया था.
- भारत ने इस घटना को घृणा अपराध करार देते हुए कनाडाई अधिकारियों से आरोपियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का आग्रह किया था.
- इससे पहले जुलाई महीने ओंटारियो में रिचमंड हिल में महात्मा गांधी की प्रतिमा तोड़ दी गई थी.
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