चेन्नई: जलीकट्टू आयोजित कराने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शनों और हिंसा के लिए ‘देश विरोधी, असामाजिक और चरमपंथी तत्वों’ को जिम्मेदार ठहराते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने आज कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन को भटकाने की कोशिश करने वाली ‘बुरी ताकतों’ की पहचान कर उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा.


मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने कहा कि ऐसे तत्वों ने उन छात्रों को ‘‘जलीकट्टू आयोजित करने के लिए उठाए गए कानूनी कदमों का जश्न भी नहीं मनाने दिया, जिन्होंने इसके लिए योगदान किया था.’’


पनीरसेल्वम ने कहा, ‘‘देश विरोधी, असामाजिक और चरमपंथी तत्व छात्रों, युवाओं और आम लोगों की ओर से जलीकट्टू के आयोजन के लिए हो रहे प्रदर्शनों में घुस आए थे. इन लोगों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को उनके मूल उद्देश्य से भटका दिया, प्रदर्शनकारियों को वहां से हटने नहीं दिया, पुलिसकर्मियों पर हमला किया और हिंसा करके जानमाल को खतरे में डाल दिया.’’


बहरहाल, पत्थरबाजी किए जाने और भीड़ की ओर से किए गए हमले जैसे उकसावे के बाद भी पुलिस ने संयंम बनाए रखा, ‘‘न्यूनतम बल’’ का इस्तेमाल किया और कभी फायरिंग या लाठीचार्ज नहीं किया.


उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहना चाहूंगा कि पुलिस ने न्यूनतम बल का इस्तेमाल किया और लोगों की जान और सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा की .’’ विधानसभा में विपक्ष के नेता एम के स्टालिन की ओर से प्रदर्शनकारियों पर ‘‘लाठीचार्ज’’ के मामले पर स्पष्टीकरण देने की मांग के बाद पनीरसेल्वम ने विस्तृत बयान दिया .


मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ प्रदर्शनकारी प्रदर्शन को गणतंत्र दिवस तक खींचना चाहते हैं. ये लोग काले झंडे दिखाना और समस्या खड़ी करना चाहते थे. पनीरसेल्वम ने कहा कि कुछ लोगों ने पृथक तमिलनाडु की मांग वाले नारे भी लगाए. उन्होंने कहा कि इस बात के प्रमाण हैं कि कुछ लोग ओसामा बिन लादेन की तस्वीरें लिए हुए थे . साथ ही गणतंत्र दिवस का बहिष्कार करने वाले पोस्टर भी उनके पास थे.


मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा के दौरान पुलिस ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कम बल का प्रयोग किया. उन्होंने कहा कि इस हिंसा में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए और उनके वाहन क्षतिग्रस्त हुए .उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार, जिसमें द्रमुक भी सहयोगी था, के शासनकाल में 2011 में जलीकट्टू पर पाबंदी लगाई गई थी . उन्होंने राज्य में जलीकट्टू के आयोजन में पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जयललिता के लगातार प्रयासों की भी याद दिलाई.


मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि किन हालात में पिछले हफ्ते राज्य सरकार ने जलीकट्टू के आयोजन की अनुमति संबंधी अध्यादेश को लागू किया.