नई दिल्ली/चेन्नई: तमिलनाडु के तूतीकोरिन में वेदांता के स्टरलाइट कॉपर स्मेलटर प्लांट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिसिया बर्बरता से मरने वालों की संख्या 13 हो गई है. वहीं 70 से अधिक लोगों का सरकारी अस्पताल में इलाज जारी है, इनमें से कईयों की स्थिति गंभीर बनी हुई है. स्टरलाइट कंपनी के आसपास तनाव अब भी बना हुआ है. आसपास के इलाकों में अगले पांच दिनों तक इंटरनेट सेवा रोके जाने के साथ धारा 144 लगा दी गई है. कंपनी के भीतर लाइट (बिजली) काट दी गई है. साथ ही तूतीकोरिन के कलेक्टर और एसपी का ट्रांसफर कर दिया गया है.
जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित
तूतीकोरिन में जन-जीवन पूरी तरह असामान्य है. लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं. दुकानें बंद होने की वजह से लोग दूध, बिस्कुट जैसे खाने-पीने के सामानों की कमी से भी जूझ रहे हैं. कंपनी के आसपास भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. पुलिस ने 67 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है. साथ ही राज्य प्रशासन ने 22 मई को हुई हिंसा के विरोध में होने वाले प्रदर्शनों को देखते हुए राज्यभर में अलर्ट जारी किया है. खुफिया इनपुट के मुताबिक प्रदर्शनकारी पब्लिक ट्रांसपोर्ट, रेलवे ट्रैक को निशाना बना सकते हैं.
जाएगी 30 हजार से अधिक नौकरी?
हिंसा के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के तूतिकोरिन में स्टरलाइट कॉपर के प्लांट के विस्तार पर कल अंतरिम रोक लगा दी थी. हाई कोर्ट की मदुरई बेंच ने कहा कि कंपनी को इसके लिए स्थानीय लोगों से बातचीत करनी होगी. कॉपर प्लांट अस्थाई तौर पर बंद होने से नौकरी और रोजगार जाने का भी खतरा मंडराने लगा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टरलाइट ने कहा है कि 32,500 लोग प्रभावित होंगे. स्टरलाइट के सीईओ पी रामनाथ ने बिजनेस टुडे से बात करते हुए कहा कि स्टरलाइट के तूतीकोरिन प्लांट में 3500 के करीब लोगों को सीधे तौर पर जॉब मिला हुआ है और करीब 30 हजार से 40 हजार लोग अप्रत्यक्ष रूप से कंपनी से जुड़े हैं. 25,00 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर को नोटिस जारी किया गया.
कंपनी फिलहाल 1000 कर्मचारियों को पेरोल पर रखना चाहती है. ऐसे में जब हिंसा और विरोध प्रदर्शनों की वजह से काम रुका है तो करीब 30 हजार से अधिक लोगों की नौकरी जाना तय है, जो किसी ने किसी तरह से कंपनी से जुड़े हैं. कंपनी में लगे अस्थाई मजदूरों की नौकरी जाएगी, आसपास लगे छोटे दुकान बंद हो जाएंगे, आवासीय परिसर में काम करने वाले लोगों को नौकरी छोड़ना होगा, ट्रांसपोर्ट सर्विस बंद होने से काम कर रहे लोग बुरी तरह प्रभावित होंगे.
डीएमके की मांग- स्थायी तौर पर बंद हो कंपनी
हिंसा के खिलाफ विपक्षी दलों के नेता भी सड़कों पर हैं. आज तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके के नेता एमके स्टालिन ने सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया. जहां से पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. उन्होंने कहा, ''13 मासूमों की जान जाने के बावजूद राज्य सरकार ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. मुख्यमंत्री अप्रभावी हो चुके हैं. उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की भी जरूरत नहीं समझी. मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. डीजीपी को भी इस्तीफा देना होगा.'' डीएमके ने 25 मई को राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया है. पार्टी की मांग है कि राज्य सरकार स्टरलाइट कॉपर स्मेलटर प्लांट स्थायी तौर पर बंद हो.
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क्यों गई जानें?
स्थानीय लोग वेदांता के स्टरलाइट कॉपर स्मेलटर प्लांट से जल स्रोतों के प्रदूषित होने और आसपास के इलाकों में गंभीर बीमारियां फैलने की शिकायत कर रहे हैं. और इसी के खिलाफ महीनों से शांति पूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने पिछले दिनों प्लांट तक मार्च निकालना चाहा लेकिन, पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी.
इसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प शुरू हुई. पुलिस ने अंधाधुंध गोलियां चलाई और इसी दौरान कई लोगों को जान गंवानी पड़ी. राज्य सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दिये हैं. अधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री के. प्लानीसामी ने शहर में स्थिति की समीक्षा के बाद जांच के आदेश दिए. जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए आयोग को किसी भी प्रकार की समय सीमा नहीं दी गई है.
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