तिरुवनंतपुरम: केरल में इन दिनों एक घोटाले की खबर के बाद राज्य की राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है. दरअसल पूरा मामला राज्य में बड़े पैमाने पर सोने की तस्करी का है. गोल्ड स्मग्लिंग घोटाले के तार राज्य के बड़े नेताओं और सरकारी अफसरों तक पहुंचते हैं. जिसमें इस वक़्त खुद मुख्यमंत्री पिनरई विजयन भी सवालों के घेरे में हैं. इसके अलावा सीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी आईएस अधिकारी एम शिवशंकर का घोटाले में नाम आने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया है. विपक्ष इसे सीएम का फेस सेविंग टैक्टिक बता रही है. उधर मामला बढ़ता देख गृह मंत्रालय ने उस मामले को NIA को सौंप दिया है.
क्या है पूरा मामला?
यह पूरा मामला गोल्ड स्मग्लिंग यानी सोने की तस्करी का है. 5 जुलाई को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कस्टम विभाग के अधिकारियों ने पहले से मिली गुप्त सूचना के आधार पर यूएई से आया एक डिप्लोमेटिक सामान पकड़ा. विदेश मंत्रालय से अनुमति लेने के बाद यूएई दूतावास के अधिकारियों की मौजूदगी में जब उसे खोला गया तो उसमें 35 किलो सोना मिला. अपने आपको वाणिज्य दूतावास का कर्मचारी बताकर सोने को लेने आए व्यक्ति सरित कुमार को कस्टम विभाग ने पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया है. पूछताछ में सरित ने बताया कि वो लगभग एक साल पहले तक यूएई दूतावास में बतौर जनसंपर्क अधिकारी काम करता था, लेकिन अब वह दूतावास का कर्मचारी नहीं है. सरित लगभग एक साल से हवाईअड्डे से इस तरह का सामान ले जा रहा था.
पूछताछ में सरित ने विभाग को बताया कि उसकी एक सहयोगी केरल सरकार के आईटी विभाग की एक कर्मचारी है, जिसका नाम स्वप्ना सुरेश है. स्वप्ना सुरेश से पूछताछ करने के लिए जब विभाग हरकत में आया तो पता चला कि वो सामान खोले जाने के एक दिन पहले से लापता है.
NIA कर रही है IS के लिंक की जांच!
वहीं एनआईए को यह मामला सौंपे जाने के बाद एजेंसी गोल्ड स्मग्लिंग घोटाले में इस्लामिक स्टेट के तार की भी जांच कर रही है. एजेंसी को शक है कि गोल्ड स्मग्लिंग के तार दक्षिण भारत के आईएस यूनिट से है. एनआईए सूत्रों का कहना है कि अगर इसके तार टेरर ऑर्गेनाइजेशन आईएस से निकलते है तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है. यहीं कारण है कि एनआईए इस मामले में गहराई से जांच में जुटी है. इससे पहले भी दक्षिण भारत में आईएस यूनिट द्वारा रिक्रूटमेंट का मामला सामने आया था. जो कि अफगानिस्तान से ऑनलाइन रिक्रूटमेंट चलाते थे. इससे पहले भी एनआईए केरल से अफगानिस्तान गए लापता लोगों के मामले की जांच में यह कह चुकी हैं कि उन सभी का आईएस टेरर ऑर्गनाइजेशन ज्वाइन करने का शक है. इस बाबत कई सबूत भी एनआईए के हाथ लगे थे. आईएस ने केरल से जुड़ने वाले लोगों को खुद ही फंड इकट्ठा करने को कहा था. यहीं कारण है कि एनआईए गोल्ड स्मग्लिंग के तार का पता लगा रही है. साथ ही जिस तरह से कस्टम विभाग ने बताया कि तिरुवनंतुरम से चेन्नई भी सोने की तस्करी हुई है ऐसे में NIA तमिलनाडु के लिंक को भी खंगालेगी.
एनआईए सूत्रों के मुताबिक सोने की तस्करी के बाद आखिर यह सोना कहां तक पहुंचा. किसके हाथ पहुंचा यह जांच करेगी. इसमें आईएस के वांटेड आंतकियों के नाम भी सामने आ रहे है. जिसमें सबसे ऊपर हजा फकरुद्दीन का नाम सामने आया है. जो कि पिछले 7 साल से फरार है. यहीं कारण है कि एनआईए को इस पूरे मामले में आईएस के तार नजर आ रहे हैं.
उधर एनआईए ने इस मामले में UAPA के तहत चार आरोपी सरित PS, स्वप्ना सुरेश, संदीप नायर और फजील फरीद के खिलाफ केस दर्ज किया है. एनआईए ने अपने बयान में कहा कि इन सबके खिलाफ UAPA के सेक्शन 16, 17 और 18 के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस सोने की तस्करी के मामले को देश की आर्थिक स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है. साथ ही इस UAPA के सेक्शन 15 के तहत आतंकी एक्ट करार दिया है.
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