नई दिल्ली: भारत के भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के अपहरण मामले में एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने बड़ा बयान दिया है. पीएम ने कहा है कि चोकसी के अपहरण के किसी 'निर्णायक सबूत' के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है, लेकिन पब्लिक डोमेन में ऐसी चर्चा है कि मेहुल चोकसी का अपहरण कर लिया गया था. पीएम ब्राउन ने ये बात संसद में विपक्षी सांसदों के सवालों पर कही.
संसद में विपक्षी सांसदों ने पीएम ब्राउन से पूछा कि क्या स्कॉटलैंड यार्ड या किसी और जांच एजेंसी को मेहुल चोकसी के अपहरण से जुड़ा कोई सबूत मिला है. इस पर पीएम ने कहा, 'मुझे सबूतों की जानकारी नहीं है लेकिन यह पब्लिक डोमेन में ये जानकारी है कि मेहुल चोकसी का अपहरण किया गया था. मैं जानता हूं कि कानूनी एजेंसियों ने अपनी रिसर्च की होगी और शायद उनके पास कुछ संदिग्ध भी होंगे. लेकिन निर्याणक सबूत के बारे मुझे जानकारी नहीं है.'
पीएम ब्राउन ने कहा, 'जिस नाव में मेहुल चोकसी का कथित अपहरण हुआ था, वो एंटीगुआ में कानूनी रूप से आई थी. मुझे जानकारी नहीं है कि उस नाव ने किसी तरह की सुरक्षा का उल्लंघन किया था या नहीं. ये तो हम जानते ही हैं कि कैरिबियन क्षेत्र में सीमाएं कमजोर हैं क्योंकि कई सारे तट हैं और हमारे पास पर्याप्त लोग नहीं हैं.'
मेहुल चोकसी के वकील का दावा
डोमिनिका में अवैध रूप से एंट्री करने के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के वकील का दावा है कि उनको एंटीगा और बारबुडा से डोमिनिका में 'गैरकानूनी' रूप से ले जाया गया. चोकसी के मामले को 'कानून के शासन और बुनियादी अधिकारों का घोर उल्लंघन' बताते हुए, माइकल पोलक ने कहा था, "चोकसी के साथ जो हुआ है वह भयानक है. उसे एक संपत्ति का लालच देकर उसका अपहरण कर लिया गया. उसके सिर पर एक बैग रखा गया, उसकी पिटाई की गई और जबरन नाव पर चढ़ाकर अवैध रूप से दूसरे देश में भेज दिया गया."
चोकसी, जो 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में ओंडियन में वांछित है, 23 मई को एंटीगुआ से लापता हो गया था. उसकी बड़े पैमाने पर तलाशी की गई थी. कथित तौर पर उसे 26 मई को डोमिनिका में पकड़ा गया था. चोकसी पर डोमिनिका में अवैध रूप से घुसने का आरोप है. हालांकि, डोमिनिकन हाई कोर्ट ने चोकसी के प्रत्यर्पण पर रोक लगा दी है. 13,500 करोड़ रुपये के मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हीरा व्यापारी भारत में वांछित है. उसने 2017 में एंटीगा की नागरिकता ले ली थी और मामला सामने आने से एक दिन पहले 4 जनवरी 2018 को भारत छोड़ दिया था.
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