एंटीलिया केस में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी चार्जशीट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. अनिल देशमुख ने दावा किया है कि साल 2021 का चर्चित एंटीलिया कांड और मनसुख हिरेन हत्याकांड का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह हैं.
ईडी की चार्जशीट में बड़े खुलासे
यह पहला मौका है, जब किसी आधिकारिक दस्तावेज़ में परमबीर सिंह के मास्टरमाइंड होने का जिक्र किया गया है. एंटीलिया कांड पर जो चार्जशीट दायर हुई है, उसमें कई ऐसे तथ्य पढ़ने को मिलते हैं, जिससे साबित होता है कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह इस पूरे कांड के मास्टरमाइंड हैं. परमबीर के घर कई मीटिंग होने की बात सामने आती है, एंटीलिया कांड की घटना के बाद सचिन वाझे के साथ बंद कमरे में परमबीर सिंह 6-6 घंटा मीटिंग करते रहे. सरकार को गुमराह करने का काम परमबीर सिंह कर रहे थे.
नवाब मलिक ने परमबीर सिंह को बताया बीजेपी का मोहरा
इस खुलासे के बाद पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर राजनीति हो रही है. कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने परमबीर सिंह को बचाने के लिए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया. नवाब मलिक ने कहा कि, NIA परमबीर सिंह को बचाने का काम कर रही है, जब यह पूरा मामला सामने आया तभी परमबीर सिंह का तबादला कर दिया गया. लेकिन उसके बाद अनिल देशमुख पर परमबीर ने झूठे आरोप लगाकर उन्हें फंसाने की कोशिश की.
नवाब मलिक ने कहा कि, अपने गुनाहों पर पर्दा डालने के लिए सचिन वाझे की पुलिस फोर्स में नियुक्ति पर सीएम उद्धव ठाकरे और दूसरे मंत्रियों के दबाव होने की बात परमबीर कर रहे हैं. परमबीर सिंह भारतीय जनता पार्टी के मोहरे की तरह काम कर रहे हैं, इसलिए ये साफ होता है कि एनआईए उसे बचा रही है. परमबीर खुद संदेह के घेरे में हैं और अपने आप को बचाने के लिए अब वह सचिन वाझे की नियुक्ति के मामले में मुख्यमंत्री समेत तमाम लोगों के नाम लेने का काम कर रहे हैं. सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.
बीजेपी ने लगाए एमवीए सरकार पर आरोप
वहीं एंटीलिया प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट में खुलासे के बाद भारतीय जनता पार्टी को ठाकरे सरकार और महाराष्ट्र विकास आघाड़ी के नेताओं को निशाना साधने का मौका मिल गया है. भाजपा विधायक और प्रवक्ता राम कदम ने कहा, सचिन वाझे महाराष्ट्र सरकार का वसूलीबाज था. ठाकरे सरकार ने खुद सचिन वाझे को पुलिस फोर्स में लेने के लिए दबाव बनाया था.
बीजेपी नेता ने कहा कि, ठाकरे सरकार उसे महत्वपूर्ण पद दे रही थी. वाझे के वसूली के तार MVA के बड़े नेताओं से जुड़े हैं. पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर शिवसेना के लाडले थे. सचिन वाझे के लिए ठाकरे सरकार ने 3 दिन सदन नहीं चलने दिया. सीएम और गृहमंत्री का वाझे पर आशीर्वाद था.
एंटिलिया मामले को लेकर शुरुआत से ही पॉलिटिक्स जारी है. लेकिन ED की चार्जशीट के बाद एक बात तो साफ है कि एंटीलिया प्रकरण में अभी कई ऐसे राज हैं, जिनका खुलासा होना बाकी है और कई ऐसे नाम हैं जो अभी भी कहानी में छिपे किरदार हैं.