Antilia case: एंटिलिया और मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में एनआईए ने कोर्ट में दस हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है. चार्जशीट में एनआईए ने कहा है कि बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे मशहूर उद्योगपति को डराकर जबरदस्ती वसूली करना चाहता था. इसी साल फरवरी में मुकेश अंबानी के एंटीलिया बंगले के पास एक स्कॉर्पियो कार से विस्फोटक बरामद हुआ था.


वाजे और उसके गिरोह ने मनसुख हिरेन को मौत के घाट उतारा- NIA


चार्जशीट में कहा गया है कि सचिन वाजे का मुख्य मकसद आतंक पैदा कर उद्योगपति से पैसे वसूल करना था. बाद में वाजे और उसके गिरोह ने मनसुख हिरेन को मौत के घाट उतार दिया, क्योंकि उन्हें संदेह था कि मामला एनआईए के पास जाएगा और मनसुख हिरेन एजेंसी को पूछताछ के दौरान सब कुछ बता सकता है. चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि वाजे जबरन वसूली के माध्यम से अपनी और दूसरों की जेब भरने के अलावा एक बेहतरीन डिटेक्टर और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में अपना दबदबा फिर से हासिल करना चाहता था. इसी वजह से उसने जिलेटिन की छड़ियों से लदी स्कॉर्पियो को रखने की साजिश रची और एक बड़े व्यापारिक समूह के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए एक धमकी भरा पत्र भी लिखा.


मुंबई के पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले ने मई में मामले में कथित भूमिका के लिए वाजे, सुनील माने और रियाजद्दीन काजी को बर्खास्त करते हुए कहा था कि वाजे ने एक प्रसिद्ध उद्योगपति को अपने और दूसरों के लिए पैसों की वसूली करने की कोशिश की, जिसके लिए धमकी भरा पत्र भी लिखा गया था. शुरू में एनआईए ने कहा था कि वाजे विस्फोटकों से लदी स्कॉर्पियो को रखकर और फिर मामले का पता लगाकर सुपरकॉप बनना चाहता था.


मुंबई की विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश प्रशांत सित्रे के सामने चार्जशीट पेश की गई है. चार्जशीट दायर करते समय जांच अधिकारी और एनआईए के अधीक्षक विक्रम खलाटे भी मौजूद थे. स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर ने 20 प्रमुख गवाहों के लिए सुरक्षा की मांग की और अदालत ने इसे मंजूर कर लिया है. एजेंसी ने एक सीलबंद लिफाफे में प्रमुख गवाहों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर एनआईए ने पहले दावा किया था कि मामले के गवाहों को धमकी दी गई थी.


NIA के पास 10 आरोपियों के खिलाफ इंक्रिमिनेटिंग मटीरीयल


जांच एजेंसी ने कोर्ट को यह भी बताया कि मामले में उनकी जांच जारी है और अदालत ने इस जांच को आगे बढ़ाने की अनुमति दी है. एनआईए ने कहा कि उसके पास वाजे, पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा, बर्खास्त पीआई सुनील माने, एपीआई रियाजुद्दीन काजी सहित सभी 10 आरोपियों के खिलाफ इंक्रिमिनेटिंग मटीरीयल है. चार्जशीट में 300 से ज्यादा गवाहों की गवाही, इसके अलावा डिजिटल और दस्तावेजी सबूत चार्जशीट का हिस्सा हैं. जांच के दौरान 10 गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ विस्फोटक लदी महिंद्रा स्कॉर्पियो कार रखने की साजिश, उसकी चोरी और मनसुख हिरेन की हत्या के विभिन्न चरणों में शामिल आरोपियों के खिलाफ आपत्तिजनक सबूत सामने आए. मामले में आगे की जांच जारी है.


एनआईए ने चार्जशीट आईपीसी की धारा 120B, 201, 286, 302, 364, 384, 386, 403, 419, 465, 471, 473 और 506; आर्म्स एक्ट की धारा 3 और 25 ; एक्सप्लोसिव सबस्टेंस की धारा 4 और यूएपीए की धारा 16, 18 और 20 के तहत दायर की है. बता दें की यूएपीए की धारा 20 का मतलब एक आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना होता है. एनआईए की चार्जशीट में जो अन्य आरोपी हैं, उनके नाम नरेश गोर, आनंद जाधव,विनायक शिंदे, सतीश मोथकुरी उर्फ ​​तन्नी उर्फ ​​विक्की बाबा, वसंतभाई सोनी और संतोष शेलार हैं.


चार्जशीट में जैश-उल-हिंद का भी नाम


एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में कथित आतंकी संगठन जैश-उल-हिंद से जुड़े प्रमुख संदिग्ध के बारे में भी उल्लेख किया है. इसी संगठन का नाम सामने आया था, जिसने पहले स्कॉर्पियो रखने का दावा किया था, लेकिन बाद में पीछे हट गया. सूत्रों ने बताया कि जैश-उल-हिंद का नाम इस्तेमाल करने के पीछे कौन कौन है, इसका पता लगाने के लिए एनआईए की जांच जारी है और उन्हें प्रमुख संदिग्ध के लिए एक महत्वपूर्ण लिंक मिला है, जिसे पुलिस अधिकारी माना जा रहा है.


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