Antilia Bomb Scare: देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटक से भरी कार मिलने के मामले में अब हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. आज इस केस में जांच एजेंसी एनआईए को बड़ा सुराग मिला है. सूत्रों के मुताबिक विस्फोटक वाली स्कॉर्पियो खड़ी करने के बाद सचिन वाजे खुद इनोवा कार चलाकर गए थे. इतना ही नहीं काली मर्सिडीज से वाजे के कपड़े और स्कॉर्पियो का असली नंबर प्लेट भी मिला है. इस मामले में सचिन वाजे से एनआईए की पूछताछ जारी है.
जानिए दस बड़ी बातें.
- एंटीलिया के नजदीक विस्फोटक भरी कार पार्क करने के मामले में इस्तेमाल की गई इनोवा कार मुंबई पुलिस की है. एपीआई सचिन वाज़े खुद स्कॉर्पियो कार को एस्कॉर्ट कर रहे थे. एनआईए के पास पुख्ता सबूत हैं कि स्कार्पियो कार के पीछे सचिन बजे इनोवा कार चलाते हुए एंटीलिया की ओर बढ़ रहे हैं.
- एनआईए को इस बात के पुख्ता सबूत और पूछताछ के दौरान जवाब मिले हैं, जिसके आधार पर एनआईए यह मानती है कि सचिन बजे सीधे तौर पर इस वारदात में शामिल हैं.
- सचिन वाज़े एक प्रभावशाली पुलिसकर्मी रहे हैं, जिनकी पकड़ वरिष्ठ अधिकारियों तक है. ऐसे पर सचिन वाज़े की टीम के लोगों से गहन पूछताछ भी जरूरी है. सचिन वाज़े ने अपने पद का दुरुपयोग कर सबूतों को मिटाने का काम किया है.
- एनआईए यह मानती है कि इतनी बड़ी साजिश सिर्फ एक शख्स नहीं कर सकता. ऐसे में इस साजिश में शामिल और भी लोगों की जानकारी हासिल करना जरूरी है.
- जैश उल हिंद नामक संगठन के नाम से आया टेलीग्राम संदेश का एक लिंक सचिन वाज़े से जुड़ता नजर आ रहा है, जिसकी गहन जांच जरूरी है.
- सचिन वाज़े के पुराने गुनाहों का लिंक इस घटना से संबंधित है या नहीं इसकी भी जांच एनआईए कर रही है.
- एंटीलिया के नजदीक विस्फोटक भरी कार रखने की वारदात की जांच अब तक चार अलग-अलग अधिकारियों ने की है. इसमें से एक खुद आरोपी सचिन वाज़े रहे हैं. केस ट्रांसफर के समय मेमो की जानकारी ठीक तरीके से नहीं दी गई और कई जानकारियां केस ट्रांसफर के समय नहीं दिया गया, ऐसा एनआईए की जांच में सामने आ रहा है.
- एनआईए के मुताबिक, स्कोर्पियो का चोरी होना, जिलिटीन से भरी गाड़ी एंटीलिया नजदीक खड़ी करना और मनसुख की संदिग्ध मौत होना, तीनों मामले एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. NIA सेक्शन 8 ( एक ही केस से जुड़े अलग-अलग अपराध की जांच) के तहत तीनों मामले की जांच कर सकता है.
- सचिन वाजे तीन दिनों की पूछताछ में यह बात तो कबूल कर रहा है कि वह इस साजिश का एक हिस्सा है लेकिन उसके साथ इस साजिश में कौन-कौन से वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं उनकी भूमिका के बारे में सचिन बजे ने चुप्पी साधी है. सचिन वाज़े ने इस घटना के पीछे अपना मकसद बताया कि वह 16 साल सस्पेंड रहने के दौरान अपने खोए हुए नाम को वापस चाहता था और यह वारदात उसने नाम कमाने के लिए किया था, हालांकि एनआईए इस जवाब से संतुष्ट नहीं है.
- सचिन वाज़े की गिरफ्तारी के बाद हुए जांच और पूछताछ का पूरा रिकॉर्ड एनआईए ना केवल आधिकारिक दस्तावेजों में बल्कि वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए भी रिकॉर्ड कर रही है.
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