Antilia bomb scare: क्या मनसुख हिरेन की हत्या के समय सचिन वाजे भी मौजूद थे?
एटीएस ने अपनी जांच रिपोर्ट की कॉपी एनआईए को सौंपी है. एटीएस का मानना है कि अपने दोस्त मनसुख की मौत के बाद निलंबित पुलिस अफसर सचिन वाजे मुंबई आए थे.
मुंबई: एंटीलिया के पास खड़ी मिली विस्फोटक से भरी कार के मालिक मनसुख हिरेन हत्या मामले में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं. जांच के दौरान एटीएस को यह अंदेशा है कि मनसुख हिरेन की हत्या के समय सचिन वाजे भी वहां मौजूद थे. एटीएस ने जो रिपोर्ट की कॉपी एनआईए को सौंपी है उसके मुताबिक एटीएस इस बात को मानती है कि मनसुख की मौत के बाद वाजे मुंबई आया थे. फिर साउथ मुंबई के डोंगरी इलाके में स्थित टिप्सी बार में रेड करने का ढोंग किया था.
अपने रिकॉर्ड में एटीएस ने लिखा है कि मनसुख की हत्या के बाद सचिन वाजे लगभग रात 11 बजकर 48 मिनट पर डोंगरी गए थे. उस दिन के वाजे के सीडीआर के मुताबिक उसने एक भी फोन कॉल नहीं किया था और न ही उसको किसी का फोन कॉल आया था. एटीएस ने टिप्सी बार का सीसीटीवी फुटेज की जांच की. जिसमें रात 11 बजकर 38 मिनट पर सचिन वाजे अपनी कार से बाहर निकलता हुआ दिखाई दे रहा है.
तावड़े का फोन आने के बाद घर से निकले थे मनसुख अब इस बात को भी समझिए तावड़े नाम के शख्स का फोन आने के बाद मनसुख अपने घर से करीब 8 बजकर 32 मिनट पर निकले. फिर उन्होंने ऑटो लिया जब कि उनके पास खुद की कार और तीन बाइक हैं. वह ऑटो से ठाणे के खोपट इलाके में विकास पाल्म्स अम्बेडकर रोड से होते हुए गए.
उसी दिन मनसुख की पत्नी ने उन्हें करीब 11 बजे रात को फोन किया था पर फोन बंद आया. मनसुख के पास एक मोबाइल था जिसमें दो सिम कार्ड का इस्तेमाल करता था. एटीएस ने उन दोनों नंबर के सीडीआर निकाले तो पता चला उनमें से एक नंबर पर मनसुख को आखिरी फोन कॉल रात 8 बजकर 32 मिनट पर उनकी पत्नी का आया था और फिर दूसरे नंबर पर 10 बजकर 10 मिनट पर चार मैसेज आए थे. जब ये चारों मैसेज आए थे तब फोन का लोकेशन वसई के मालजीपाड़ा का दिखा रहा था.
इन सब चीजों का विश्लेषण करने के बाद एटीएस को ऐसा अंदेशा है कि मनसुख का रात को 9 बजे के करीब अपहरण हुआ होगा जिसके बाद उसका फोन ले लिया गया होगा. फोन स्विच ऑफ कर दिया होगा. और फिर उनकी हत्या कर उनके सारे वैल्युएबल्स निकाल कर उन्हें मुंब्रा के खाड़ी मे फेंका गया होगा.
वाजे भी देख रहा थे दोस्त की मौत का तमाशा? एटीएस सूत्रों ने बताया कि उनके पास जो सबूत मिले हैं उनके आधार पर यही अंदेशा है कि जिस समय मनसुख की हत्या हुई होगी उस समय वाजे भी वहां मौजूद थे. मनसुख की मौत के बाद वह मुंबई आकर बार में रेड करने चला गए थे. वाजे ने एटीएस को दिए स्टेटमेंट में यह भी कहा था कि 4 मार्च को वो पूरे दिन अपने ऑफिस में था लेकिन उसके मोबाइल की लोकेशन निकाली गई तो पता चला कि उसी दिन दोपहर को 12 बजकर 48 मिनट पर वो चेम्बूर के एमएमआरडीए कॉलोनी में था.
एटीएस इस थियरी पर भी कर रही थी काम! एटीएस ने जो जानकारी एनआईए को दी है उसके मुताबिक गिरफ्तार विनायक शिंदे, वाजे से बात करने के लिए फर्जी दस्तावेज पर खरीदे सिम कार्ड का इस्तेमाल करता थे. जिसे उसने क्रिकेट बुकी नरेश गोर के माध्यम से गुजरात से मंगवाया था.
एटीएस को मिले सबूतों के विश्लेषण में उन्हें पता चला कि 4 मार्च को वाजे ने ही मनसुख को फोन कर मिलने बुलाया था. वाजे ने मनसुख को कहा था कि वो गिरफ्तार हो जाएं और वो इनको जल्दी से जेल से छुड़वा लेगा. इस बात को लेकर मनसुख की पत्नी वाजे से काफी नाराज थी. इसलिए वाजे ने मनसुख को कहा कि वो अपनी बीवी को बोल दे कि वो कांदिवली क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर तावड़े से मिलने घोड़बंदर जा रहे हैं.
ऑडी कार की तलाश.. एटीएस मानती है कि जब मनसुख वहां पहुंचा तो उसे एक कार में बैठा लिया गया जिसके बाद वाजे अपनी गाड़ी में बैठकर मुंबई वापस आ गया और रेड करने डोंगरी चला गया. एटीएस का यह भी मानना है कि ठाणे जाने से पहले वाजे ने अपना मोबाइल सीआईयू के केबिन में चार्जिंग में लगा दिया था ताकि उसका लोकेशन निकाला जाए तो वो कमिश्नर ऑफिस ही दिखाए.
एटीएस को शक है कि उस दिन ठाणे से वापस आने के लिए वाजे ने ऑडी कार का इस्तेमाल किया था. एटीएस को एक सस्पेक्टेड ऑडी कार रात 10 बजे के करीब मुलुंड टोल नाका पार कर मुंबई में आते दिखाई दी थी. एटीएस और एनआईए दोनों ही एजेंसी कई दिनों से उस ऑडी कार की तलाश में है.
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