Antilia Case: देश के सबसे बड़े व्यापारी मुकेश अंबानी के बंगले एंटीलिया के पास धमकी के पत्र और जिलिटिन से भरी स्कॉर्पियो मिलने के बाद वहां BDDS यानी की बोंब डिटेंशन एंड डिफ़्यूज़ल स्कोड पहुंच गई थी ताकि अगर उसने किसी भी तरह का बम हो तो उसे मौके पर डिफ़्यूज़ किया जा सके.
महाराष्ट्र ATS को दिए अपने बयान में एक अधिकारी ने बताया कि, जब हमें संदिग्ध गाड़ी के खड़े होने की बात पता चली तब हम वहां गए थे और जांच कर रहे थे. हम वहां 3 बजकर 50 मिनट पर पहुंचे थे और गाड़ी और आसपास की जांच करने का पूरा काम हमने 9 बजे तक पूरा कर लिया था. अधिकारी ने अपने बयान में आगे बताया कि हमसे पहुंचने से पहले ही पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाझे वहां पहुंच गए थे और हम जब गाड़ी की जांच कर रहे थे तो वो बार-बार गाड़ी के पास जाकर ताकझांक कर रहे थे.
लोगों से कार से दूर जाने को कहा- अधिकारी
गाड़ी का दरवाज़ा खोलते हुए डॉग हैंडलर को गाड़ी में से चिट्ठी मिली जिसमें अंबानी परिवार को धमकी लिखी हुई थी, इस चिट्ठी को हमने वहां के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को दिया और हम और भी सतर्क हो गए कि गाड़ी में कुछ भी हो सकता है. हमने सबको गाड़ी से दूर खड़े होने के लिए कहा. गाड़ी की जांच करते समय जब दोनों डॉग स्कोड को जिलिटिन दिखाई दिया तो उन्होंने हमें (भोंकते हुए) संकेत दिया हमने फिर से लोगों को और दूर जाने को कहा. उस समय भी वाझे स्कॉर्पियो के पास आए BDDS के नियमों के मुताबिक ऐसे हालत में कुछ भी हो सकता है पर वो वहां से हट ही नहीं रहे थे जिसके बाद हमने वाझे को कहा कि वो ऐसे बार-बार गाड़ी के पास जाकर अपने साथ दूसरों की जान जोखम में नहीं डाल सकते. ऐसा बोलकर उन्हें गाड़ी के पास दुबारा ना आने को कहा.
हमारे काम में दखल दे रहे थे वाझे- अधिकारी
अधिकारी ने अपने बयान में ATS को आगे बताया कि इस पूरी कर्रवाई के दरमियान हर कोई नियमों के मुताबिक सही अंतर पर खड़ा था पर वाझे ही बार-बार गाड़ी के नजदीक आकर हमारे काम में दखल दे रहे थे. यह वहीं रिपोर्ट है जिसकी कॉपी कल ATS ने चांदीवाल आयोग के सामने रखी थी वो भी महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के निवेदन के बाद. देशमुख का कहना था कि इस रिपोर्ट में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर का परमसत्य है और वो ही इस मामले के मास्टरमाइंड हैं.
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