नई दिल्ली: मुंबई में मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटक भरी गाड़ी मिलने के मामले में एनआईए को अब तक की जांच के दौरान मुंबई पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे की विस्फोटक भरी गाड़ी खड़ी कराने और विस्फोटक रखने में अहम भूमिका मिली है. एनआईए ने सचिन वाजे को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही एनआईए की जांच के दायरे में शिवसेना के कुछ नेता और पुलिस अधिकारी भी शामिल हो गए हैं. एनआईए का मानना है कि अब तक की जांच के दौरान सचिन वाजे मास्टरमाइंड के तौर पर सामने नहीं आया है. मुंबई में एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने मुंबई पुलिस के इंस्पेक्टर सचिन वाजे को 25 मार्च तक पूछताछ के लिए एनआईए रिमांड पर भेज दिया है.


मुंबई में 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटकों से भरी एक स्कॉर्पियो कार खड़ी मिली थी. इस गाड़ी में जिलेटिन की 20 छड़े थीं. इस मामले में एक अहम शख्स मनसुख हिरेन सामने आया था. आरंभिक जांच के दौरान यह पता चला था कि यह गाड़ी मनसुख की है. मुंबई में इस मामले की जांच अपराध शाखा में पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे को सौंपी गई थी. सचिन वाजे ने मनसुख से पूछताछ की थी, लेकिन इसके बाद मनसुख मृत पाया गया था, उसके परिजनों ने पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे पर ही गंभीर आरोप लगाए थे कि मनसुख की गाड़ी पहले सचिन वाजे और उनकी टीम के पास ही थी. इसके बाद केंद्र सरकार ने यह मामला जांच के लिए 8 मार्च को एनआईए को सौंप दिया था. एनआईए ने इस मामले की आरंभिक जांच के दौरान पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे की भूमिका को बेहद संदेहास्पद पाया और उसके बाद सचिन वाजे को शनिवार की दोपहर पूछताछ के लिए बुलाया गया और देर रात उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद सचिन वाजे ने स्वयं की तबीयत खराब होने की बात कही, जिस पर एनआईए की टीम सचिन को लेकर अस्पताल भी गई. जहां आरंभिक इलाज के बाद उन्हें फिर से पूछताछ के लिए एनआईए कार्यालय लाया गया. एनआईए का दावा है कि आरंभिक जांच के दौरान पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे की इस पूरे मामले में अहम भूमिका मिली है.


मुंबई पुलिस के गिरफ्तार पुलिस इंस्पेक्टर सचिन बाजे ने फेम के लिए गेम किया था. एनआईए की कस्टडी में मौजूद सचिन वाजे बार-बार अपने बयान बदल रहा है. लेकिन एनआईए को उसके बयानों पर पूरी तरह से विश्वास नहीं है. लिहाजा उसके बयान की सत्यता की जांच की जा रही है. एनआईए का मानना है कि सचिन वाजे इस मामले का मास्टर माइंड नहीं है. एनआईए सूत्रों के मुताबिक सचिन वाजे ने जो बयान दिए हैं वह अपने आप में कितने सत्य हैं, इसकी जांच की जा रही है. अपने एक बयान में सचिन ने यह कबूल किया है कि उसे एंटीलिया के पास गाड़ी खड़ी होने का पता था और एनआईए ने भी यह दावा किया है कि उसके पास ऐसे अहम सबूत हैं, जिन्हें सचिन वाजे नकार नहीं सकता. सूत्रों ने बताया कि अहम सबूतों की तलाश में सचिन वाजे के घर और दफ्तर की भी तलाशी ली गई. एनआईए ने अनेक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अपने कब्जे में लिए हैं. एनआईए सूत्रों के मुताबिक सचिन वाजे से की गई पूछताछ के आधार पर उसके कुछ सहयोगियों की तलाश में मुंबई और उसके आसपास छापेमारी भी की गई. एनआईए को एंटीलिया के पास गाड़ी खड़ी करने वाले शख्स के बारे में भी अहम तथ्य हाथ लगे हैं.


पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे की गिरफ्तारी के साथ ही महाराष्ट्र के कुछ स्थानीय नेता और पुलिस अधिकारी भी एनआईए की जांच दायरे में आ गए हैं. एनआईए यह जानना चाहती है कि सचिन वाजे को इस मामले की जांच रूटीन प्रक्रिया के तहत सौंपी गई थी या फिर किसी के इशारे पर उसे इस मामले का जांच अधिकारी बनाया गया था. एनआईए यह भी जानना चाहती है कि इस पूरे षडयंत्र का मकसद क्या था? क्योंकि सचिन वाजे ने अब तक जो बयान दिए हैं, उसके मुताबिक इस षड्यंत्र का पूरा मकसद उभर कर सामने नहीं आया है और एनआईए को लगता है कि सचिन वाजे मात्र एक मोहरा है. सूत्रों ने बताया कि अब तक की जांच के दौरान एनआईए को एक बात यह भी पता चली है कि इस मामले में मृतक मनसुख की लोकेशन शिवसेना के एक नेता के कार्यालय के समीप पाई गई थी. यह नेता और पुलिस इंस्पेक्टर सचिन एक-दूसरे के बेहद करीबी बताए जाते हैं. एनआईए सूत्रों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर इस शिवसेना नेता को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. साथ ही इस मामले में अन्य पहलुओं की भी जांच की जा रही है.


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