मुंबई: एंटीलिया विस्फोटक केस की जांच को लेकर शिवसेना ने सामना में NIA पर सवाल उठाए हैं. साथ ही मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का बचाव भी किया गया है. सामना में लिखा गया है कि जिलेटिन की छड़ों की जांच करने वाली NIA ने उरी, पठानकोट और पुलवामा हमले में क्या जांच की, उसका रिजल्ट क्या निकला, कितने गुनहगारों को गिरफ्तार किया.
सामना में लिखा गया है, "आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच एनआईए करती है. लेकिन जिलेटिन की छड़ों की जांच करने वाली एनआईए ने उरी हमला, पठानकोट हमला और पुलवामा हमले में क्या जांच की, कौन-सा सत्यशोधन किया, कितने गुनहगारों को गिरफ्तार किया? ये भी रहस्य ही है. लेकिन मुंबई में 20 जिलेटिन की छड़ें एनआईए के लिए बड़ी चुनौती ही सिद्ध होती नजर आ रही हैं. इस पूरे घटनाक्रम का श्रेय राज्य का विपक्ष ले रहा है. हिरासत में आए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के पीछे वास्तविक सूत्रधार कौन है?"
"हिरेन की मौत का बीजेपी को ज्यादा ही दुख हुआ"
सामना में लिखा गया है कि मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत हो गई और इसके लिए सभी को दुख है. बीजेपी को थोड़ा ज्यादा ही दुख हुआ है. परंतु इसी पार्टी के एक सांसद रामस्वरूप शर्मा की संसद का अधिवेशन शुरू रहने के दौरान दिल्ली में संदिग्ध मौत हो गई. शर्मा प्रखर हिंदुत्ववादी विचारों वाले थे. उनकी संदिग्ध मौत के बारे में बीजेपी वाले छाती पीटते नजर नहीं आ रहे हैं. मोहन डेलकर की खुदकुशी के मामले में तो कोई एक शब्द भी बोलने को तैयार नहीं है. सुशांत सिंह राजपूत और उसके परिजनों को तो सभी भूल गए हैं. किसी की मौत का निवेश वैसे किया जाए, यह वर्तमान विपक्ष से सीखना चाहिए.
मुख्यपत्र में लिखा है- मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से परमवीर सिंह को बदल दिया गया इसका मतलब वे गुनहगार साबित नहीं होते. मुंबई पुलिस आयुक्त पद की कमान उन्होंने अत्यंत कठिन समय में संभाली थी. कोरोना संकट से लड़ने के लिए उन्होंने पुलिस में जोश निर्माण किया था. धारावी जैसे क्षेत्र में वे खुद जाते रहे. सुशांत, कंगना जैसे प्रकरणों में उन्होंने पुलिस का मनोबल टूटने नहीं दिया. इसलिए आगे इस प्रकरण में सीबीआई आई तो भी मुंबई पुलिस की जांच सीबीआई के पास नहीं जा सकी. टीआरपी घोटाले की फाइल उन्हीं के समय में खोली गई. परमवीर सिंह पर दिल्ली की एक विशिष्ट लॉबी का गुस्सा था, जो कि इसी वजह से था. उनके हाथ में जिलेटिन की 20 छड़ें पड़ गर्इं. उन छड़ों में धमाका हुए बगैर ही पुलिस दल में दहशत फैल गई. नए आयुक्त हेमंत नगराले को साहस व सावधानी से काम करना होगा.
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