मुंबईः जिस दिन एंटीलिया के पास एक स्कॉर्पियो में विस्फोटक और धमकी भरा खत मिला था उसके बाद टेलीग्राम चैनल के माध्यम से किसी जैश उल हिन्द नाम की संगठन ने इसका जिम्मा लिया था. आरोप है कि इसी मामले की जांच के लिए पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने एक प्राइवेट सायबर फर्म को हायर किया था पर इसे कहीं भी रिकॉर्ड पर रखा नही गया है. सूत्रों की माने तो इस रिपोर्ट में कई कमियां हैं जैसे कि उन्हें उस मोबाइल का आईपी एड्रेस कैसे मिला जिसपर टेलीग्राम चलाया गया था जबकि टेलीग्राम अनोनमस सर्वर पर चलता है, सूत्रों ने यह भी बताया कि उस आईपी एड्रेस के लिए मुंबई पुलिस ने टेलीग्राम को पूछा तक नही था.


एनआईए ने बताया कि टेलीग्राम पर जैश उल हिन्द नाम के चैनल को 27 फरवरी को ही बनाया गया था जिसके कुछ 49 लोगों ने जॉइन किया था और इस चैनल को कोई भी ज्वाइन कर सकता था. जबकि इस तरह के आतंकी चैनलों को कोई और ज्वाइन नहीं कर सकता.


इस चैनल पर पहला मैसेज 28 फरवरी को सुबह 4 बजकर 20 मिनट पर किया गया जिसे करीब 684 लोगों ने देखा था और फिर उसी चैनल पर दूसरा मैसेज 4 बजकर 31 मिनट पर डाला गया जिसे 691 लोगों ने देखा था और तीसरा यानि कि धमकी वाला मैसेज सुबह करीब 4 बजकर 31 मिनट पर डाला गया जिसे 851 लोगों ने देखा, सूत्रों ने बताया कि धमकी भरा मैसेज डालने के 30 मिनट के भीतर उस चैनल को डिलीट कर दिया गया था.


आरोपियों ने उस लेटर में मोनेरो का एड्रेस भेज पैसे मांगे थे पर जांच में यह भी पता चला कि मोनेरो का एड्रेस भी गलत है. एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि, जितनी भी बाते इस मामले को लेकर हुई हैं हम हर उस पहलू की जांच करेंगे. इस मामले में एक और हिस्सा जांच का विषय जी जिसमे मुंबई पुलिस ने आधिकारिक रूप से जैश उल हिन्द का एक और पोस्ट मीडिया से शेयर किया जिसमें जैश उल हिन्द ने अम्बानी को धमकी वाली बात गलत बताई.


एनआईए कर रही जांच ?


एनआईए के सूत्रों ने बताया कि टेलीग्राम मामले में आरोपियों ने एंटीलिया कांड की जांच की दिशा भटकाने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की गैंग से जुड़े एक बड़े शख्स को कहा था कि इस तरह का फर्जी टेलीग्राम चैनल बनवाकर धमकी वाला मैसेज भेजो साथ ही यह भी कहा गया था कि यह मैसेज दुबई से अपलोड होना चाहिए पर यह तिहाड़ जेल से अपलोड हो गया वो भी इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी के सेल से. एनआईए इसी बात की जांच कर रही है कि इसमें कितनी सच्चाई है और उसके सबूत कहां से मिल सकते हैं.


एनआईए भी है हैरान?


एनआईए ने बताया कि इस मामले में चौकाने वाली बात यह भी सामने आ रही है कि इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद मुंबई पुलिस ने दिल्ली सेप्शल सेल से तिहाड़ जेल में बैठकर इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी से पूछताछ कर यह जानने की कोशिश ही नही की की आखिर उसने ऐसा किसके कहने पर किया था. पुलिस अक्सर हॉक्स कॉल आने पर भी मामला दर्ज कर लेती है पर इस मामले में कोई नया मामला दर्ज नही किया.


एंटीलिया केस का डॉन कनेक्शन! जांच को भटकाने के लिए रची गई थी दाऊद कनेक्शन की कहानी