Antilia Explosive Case: उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास गाड़ी में मिले विस्फोटक की जांच पर मुंबई पुलिस घिरती नजर आ रही है. एनआईए सूत्रों का कहना है कि 25 फरवरी को घटना के दिन मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमें ये पता लगाने में जुटी रहीं कि अंबानी के घर के पास स्कॉर्पियो कैसे और कौन लाया. जबकि उसी दौरान महाराष्ट्र एटीएस ने सबसे पहले स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरन का पता लगा लिया. एटीएस ने रात करीब 11 बजे उन्हें विक्रोली के एटीएस दफ्तर बुलाया और पूछताछ भी की.
3 घंटे में स्कॉर्पियो के मालिक को ढूंढ निकाला था
एनआईए के सूत्र बताते हैं कि गाड़ी का मालिक का पता लगाने में समय लगने के लिए अपराधियों ने स्कॉर्पियो का इंजन नंबर और चेसिस नंबर मिटा दिया था. उसके बाद एटीएस के अधिकारियों ने स्कॉर्पियो के बोनट से एक यूनिक नंबर ढूंढ निकाला और फिर उसे महिंद्रा के कार्यालय भेजकर तीन घंटे के अंदर ही रात करीब 11 बजे एटीएस ने मनसुख को ट्रेस कर लिया.
वाजे मनसुख को दूसरी एजेंसियों से बचा रहे थे?
मनसुख की पत्नी ने बताया था कि उनके पति को सचिन वाजे तीन दिन लगातार अपने साथ पूछताछ के लिए बुलाते रहे. मनसुख की पत्नी ने अपने बयान में बताया था कि 26 फरवरी की सुबह वाजे उनके पति को अपने साथ क्राइम ब्रांच लेकर गए और फिर रात 10 बजकर 30 मिनट पर उनके पति को घर भी छोड़ा था. इसके बाद 27 और 28 फरवरी को भी वाजे ही मनसुख को अपने साथ क्राइम ब्रांच लेकर फिर गए.
सूत्रों की माने तो वाझे पर आरोप है कि वो एटीएस के अधिकारियों को भी मनसुख से पूछताछ करने की अनुमति नहीं दे रहे थे. साथ ही वाजे पर यह भी आरोप है कि उन्होंने एटीएस के अधिकारियों को कहा था कि तुम लोग मनसुख को परेशान मत करो अगर ऐसा किया तो वो (मनसुख) शिकायत करेगा और उसके कुछ दिन बाद जब मनसुख की मौत हो गयी और मनसुख का शिकायत वाला पत्र भी मिला था.
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