Sanjay Nishad and Anupriya Patel On Reservation:  आरक्षण को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. इस आरक्षण के बवाल में आग लगाई है अपना दल (सोनेलाल) और केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने. अनुप्रिया पटेल ने हाल ही में सरकार के नाम एक चिट्ठी लिखी है. उन्होंने मोदी सरकार को तो धन्यवाद कहा, लेकिन यूपी की योगी सरकार पर सवाल खड़े कर दिए. 


उन्होंने पत्र में लिखा कि नॉट फाउंड सूटेबल बताकर अभ्यर्थियों को भर्ती नहीं किया जा रहा है और आरक्षण को लेकर जो अनियमितताएं हैं. वह गड़बड़ है और बस इसी को लेकर यूपी में बवाल मचा हुआ है. 


आरक्षण के चलते बर्बाद हो गई सपा, बसपा


जिस तरह से उत्तर प्रदेश में जनाधार काम होता नजर आया है उसके बाद से यह पार्टियां अपने कर मुद्दों पर वापस आती दिख रही है. इसमें न केवल अनुप्रिया पटेल की अपना दल है बल्कि डॉक्टर संजय निषाद के निषाद पार्टी भी है. संजय निषाद ने भी कहा है कि इसकी जांच होनी चाहिए और इस पर मिल बैठकर बात की जानी चाहिए. संजय निषाद ने यह भी कहा कि बसपा, सपा आरक्षण के मुद्दे में ही निपट गई. 


चर्चा से ही निकलेगा समाधान


संजय निषाद का कहना है कि अनुप्रिया पटेल ने किस परिस्थिति में यह पत्र लिखा यह तो वही बता सकती है, लेकिन इस आरक्षण के उलझन में कांग्रेस खत्म हो गई, इस आरक्षण के जद में बसपा भी चली गई और सपा भी चली गई. आरक्षण जैसी विसंगति दूर करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए. यह तो संविधान में मिला हुआ हक है. इन विषयों पर चर्चा होनी चाहिए, क्योंकि चर्चा से समाधान निकलता है. इसी प्रकार से निषादों के आरक्षण के मुद्दे पर भी चर्चा होनी चाहिए. 


क्या खिलाफ हो रहे यूपी के मंत्री


संजय निषाद के बयान को क्या उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ माना जाएगा? सहयोगियों ने ही उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार पर मोर्चा खोला है. वह अपने आप में एक बड़ा मुद्दा है और दिलचस्प भी.


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