Doctor-population ratio: WHO के मानक से बेहतर देश में डॉक्टरों की संख्या', केंद्र का दावा, आंकड़ों से समझिए कितने लोगों पर एक डॉक्टर
Anupriya Patel: लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात के आंकड़े पेश किए. उन्होंने कहा, भारत में डॉक्टरों की उपलब्धता के आंकड़े डब्ल्यूएचओ मानकों से काफी अच्छे हैं.
Doctor-Population Ratio: केंद्र सरकार ने शुक्रवार (02 अगस्त) को लोकसभा में भारत में डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात के आकंड़े पेश किए. इस दौरान स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि देश में डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:836 है यानी कि 836 व्यक्तियों पर एक डॉक्टर है. केंद्र सरकार ने दावा किया कि भारत का डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात डब्ल्यूएचओ (World Health Organization) के आंकड़ों से काफी बेहतर है.
स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस संबंध में कहा कि डब्ल्यूएचओ मानक 1:1000 है यानी कि 1000 लोगों पर एक डॉक्टर. अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) ने एक लिखित उत्तर में कहा कि जुलाई, 2024 तक राज्य चिकित्सा परिषदों और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के साथ 13,86,136 एलोपैथिक डॉक्टर रजिस्टर्ड हैं.
केंद्र सरकार ने दिए ये आंकड़े
स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सदन को बताया कि देश में रजिस्टर्ड एलोपैथिक डॉक्टरों की 80 प्रतिशत उपलब्धता है. जानकारी दी गई कि देश में 731 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें सालाना 1,12,112 एमबीबीएस सीटें हैं. केंद्र के मुताबिक, मौजूदा वक्त में देश में 72,627 पीजी सीटें हैं. चिकित्सा शिक्षा सुविधाओं को बढ़ाने और चिकित्सा मानकों में सुधार के लिए केंद्र सरकार ने जिला/रेफरल अस्पतालों को अपग्रेड किया है.
157 नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी
बताया गया कि 157 नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी मिली है जबकि 109 तो पहले से ही काम कर रहे हैं. अनुप्रिया पटेल ने बताया कि 5,972.20 करोड़ रुपये की लागत से 83 कॉलेजों में 4,977 एमबीबीएस सीटें बढ़ाई गई हैं. 1,498.43 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत से 72 कॉलेजों में चरण-I में 4,058 पीजी सीटों और 4,478.25 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत से 65 कॉलेजों में चरण-II में 4,000 पीजी सीटें बढ़ाने के लिए भी मदद दी गई है.
किस रिपोर्ट पर साधा निशाना?
लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा (J. P. Nadda) ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट पर भी बात की. वो बोले, डब्ल्यूएचओ (World Health Organization) की हालिया रिपोर्ट जिसमें कहा गया कि भारत की आधी वयस्क आबादी शारीरिक रूप से अयोग्य है, सिर्फ तीन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश से लिए गए आंकड़ों पर आधारित है.
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