(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बढ़ सकती हैं अनुराग कश्यप-तापसी पन्नू सहित फिल्मी हस्तियों की मुश्किलें, आयकर विभाग उठाने जा रहा है ये कदम
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेजों और तथ्यों को दूसरी जांच एजेंसियों के साथ शेयर करने जा रहा है. आयकर विभाग का दावा है कि अब तक की छापेमारी के दौरान तीन सौ करोड़ रुपये की राशि को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं मिला है.
नई दिल्ली: फिल्मी हस्तियों पर मुंबई में चल रहे आयकर छापों के बाद अब ये फिल्मी हस्तियां बड़ी मुश्किलों में फंस सकती हैं. जहां एक तरफ आयकर विभाग इनके पिछले 3 से 6 सालों की आय की जांच कर सकता है, वहीं कर चोरी पाए जाने पर 3 गुना ज्यादा तक का जुर्माना भी लगा सकता है. वहीं दूसरी तरफ तथ्य पाए जाने पर इन लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य धाराओं के तहत भी मुकदमे दर्ज हो सकते हैं. क्योंकि आयकर विभाग छापों के दौरान मिले तथ्यों और दस्तावेजों को दूसरी जांच एजेंसियों के साथ साझा करने जा रहा है.
मुंबई में आयकर विभाग द्वारा फिल्म जगत की हस्तियों अनुराग कश्यप, विकास बहल और अभिनेत्री तापसी पन्नू समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोगों पर पिछले 3 दिनों से लगातार छापेमारी और पूछताछ कर रहे आयकर विभाग का दावा है कि अब तक की छापेमारी के दौरान 300 करोड़ रुपये की बाबत संतोषजनक जवाब नहीं मिला. 20 करोड़ के बोगस बिल लेन देन किए जाने की आशंका है. अभिनेत्री के पास से 5 करोड़ रुपये नगद लेनदेन के संकेत मिले हैं.
अभी कई लॉकर खोले जाने बाकी हैं और अहम दस्तावेजों की जांच जारी है. आयकर छापे खत्म होने के बाद भी यह फिल्मी सितारे बड़ी मुश्किल में पड़ सकते हैं. आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक, अब तक की जांच के दौरान इन लोगों के खिलाफ इतनी पर्याप्त तथ्य मिल चुके हैं कि इनकी पिछले 3 से 6 साल की आय की फिर से जांच शुरू की जा सकती है और जांच के दौरान जितनी धनराशि की इन लोगों ने आयकर चोरी की होगी उसके 3 गुना ज्यादा तक का जुर्माना इन पर लगाया जा सकता है.
आयकर विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया की छापे खत्म होने के बाद इन लोगों से आयकर विभाग के दफ्तर बुलाकर पूछताछ की जाएगी जहां यह जानने की कोशिश की जाएगी कि 300 करोड़ रुपये की जिस रकम का हिसाब नहीं दे पा रहे हैं, वह रकम कहां से आई थी? उसका सोर्स क्या था और क्यों ना उस रकम को इनकी आय मान लिया जाए.
20 करोड़ रुपये के बोगस लेनदेन को किन लोगों के बीच बांटा गया और वह रकम भी क्यों ना इन लोगों की आय मान ली जाए? क्या यह लोग कैश के जरिए भी लेनदेन करते थे? और सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस रकम का घोटाला पाया जा रहा है कहीं उस रकम का प्रयोग मनी लॉन्ड्रिंग में तो नहीं किया गया?
आयकर सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान इन सभी लोगों से इस बाबत दस्तावेज भी मांगें जाएंगे और यह भी जानने की कोशिश की जाएगी कि जो रकम नगद में ली गई थी उसे लोगों ने अपनी आय बुक्स में दिखाया था या नहीं? 20 करोड़ के बोगस खर्चों की बाबत दस्तावेज ना देने पाने पर उन्हें उसका आयकर लाभ नहीं मिल पाएगा, उल्टा जुर्माना और भुगतना पड़ेगा. आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक, अभी तक जांच के दौरान जो तथ्य सामने आए हैं वह तो महज झांकी हैं क्योंकि अभी बैंक लॉकर खोले जाने बाकी हैं.
दस्तावेजों, ईमेल्स और व्हाट्सएप मैसेज्स की जांच के दौरान जो तथ्य सामने आएंगे उनकी जांच बाकी है और यदि इस पैसे का प्रयोग मनी लॉन्ड्रिंग में होने के तथ्य मिले या पैसे का स्रोत अवैध तरीके से विदेशों में आने-जाने के तथ्य मिले तो इनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग समेत और मुकदमे भी दर्ज हो सकते हैं.
आयकर विभाग के आला अधिकारी के मुताबिक, आयकर छापे की कार्रवाई कई कई दिनों तक चलती है. 3 से 5 दिनों तक और कभी-कभी बड़े मामलों में 1 सप्ताह तक चलती रहती है. इस दौरान जो भी दस्तावेज बुक्स सामने आती हैं, उससे संबंधित शख्स से आरंभिक सवाल पूछे जाते रहते हैं और उनका जवाब लिया जाता है.
छापा खत्म होने पर आयकर विभाग छापे के दौरान हुए बयानों को कंप्लीट करता है और उसके बाद जरूरत पड़ने पर जिन लोग के यहां छापा पड़ा होता है उन्हें नोटिस देकर पूछताछ के लिए आयकर विभाग बुलाया जाता है जहां वह अपने दस्तावेजों के साथ स्वयं या अपने वकील के साथ पेश हो सकते हैं.
इसके बाद होने वाली कार्रवाई में कितनी कर चोरी हुई इसका आकलन और तथ्य एकत्र किया जाता है और उसी हिसाब से जुर्माना लगाया जाता है. जांच के दौरान अन्य मामलों के तथ्य आने पर दूसरी धाराओं के तहत दूसरी जांच एजेंसियां मुकदमा दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर सकती हैं.
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