BJP Vs AAP: अरविंद केजरीवाल की चिट्ठी पर केंद्रीय मंत्रियों का पलटवार, बोले- दुर्भाग्य है
Arvind Kejriwal Letter: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि देश में 80 प्रतिशत से ज्यादा सरकारी स्कूल कबाड़खानों से भी ज्यादा बदतर हैं.
BJP Vs AAP: आप (AAP) और बीजेपी (BJP) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर कई गंभीर आरोप लगा चुकी हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के स्कूलों को कबाड़खाना कहे जाने वाले बयान पर भी अब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) और धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने तीखा पलटवार कर दिया है.
धर्मेंद्र प्रधान ने इस पत्र को लेकर कहा कि देश के एक राज्य का जिम्मेदार व्यक्ति, स्कूल को कबड़खाना बोले तो यह बहुत दुख की बात है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग बयान बहादुर होते हैं. बयान को अपना काम समझते हैं. इस चिट्ठी में सरकारी स्कूलों को कबाड़खाना कहा गया है, जोकि बेहद दुख की बात है.
वहीं, अनुराग ठाकुर ने भी अरविंद केजरीवाल के इस बयान की निंदा की है. उन्होंने कहा कि शराबखाने में व्यस्त लोग, कबाड़खाना कहें तो दुर्भाग्य है. दरअसल, केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि देश में 80 फीसदी से ज्यादा सरकारी स्कूल कबाड़खानों से भी बदतर हैं.
दिल्ली में केंद्र सरकार करती है खर्चा
इससे पहले केजरीवाल ने यह भी कहा था कि 14,500 स्कूलों को आधुनिक करने का प्रधानमंत्री का फैसला ‘ समंदर में एक बूंद’ के बराबर है. इसपर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि दिल्ली में राज्य का खर्चा, केंद्र सरकार करती है. इन लोगों के सत्ता में आने के बाद सरकारी स्कूलों में एनरोलमेंट घटा है. आप पार्टी ने 2015 में कहा था कि 500 मॉडल स्कूल बनाएंगे और आरटीआई की रिपोर्ट से पता लगा है कि 7-8 सालों में सिर्फ 63 स्कूल ही खोले गए हैं.
स्कूलों में नहीं हो रही शिक्षकों की भर्ती
नेशनल असेसमेंट सर्वें के मुताबकि दिल्ली में 1600 स्कूलों पर सर्वे किया गया, जिसमें 10 हजार टीर्चस ने भाग लिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूल राष्ट्रीय स्तर पर काफी पीछे हैं. दिल्ली में क्लास 10 में राष्ट्रीय औसत 40 हैं तो इनका 39 है. वहीं, स्कूलों में एक भी शिक्षक और नए प्रिंसिपल की नियुक्ति नहीं हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में भी सरकारी कर्मियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है.
ये भी पढ़ें: