नई दिल्ली: वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा के शनिवार को दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की बैठक में उनकी आवाज को अनसुना करने के आरोपों को खारिज कर दिया. अनुराग ठाकुर ने इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अमित मित्रा के लिखे पत्र का जिक्र करते हुए कई ट्वीट्स किए. अनुराग ने कहा, पिछले दो वर्षों में राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने जीएसटी काउंसिल की बैठक के दौरान सीतारमण को किसी की बात को काटते नहीं देखा. उन्होंने कहा,  सीतारमण ने धैर्यपूर्वक प्रत्येक वक्ता को जितना आवश्यक हो उतना समय दिया है, भले ही इसस चर्चा लंबे समय तक क्यों नहीं चली हो. 



अमित मित्रा ने आवाज को दबाने का लगया था आरोप
दरअसल, इससे पहले अमित मित्रा ने दावा किया कि निर्मला सीतारमण द्वारा जीएसटी परिषद के फैसले की घोषणा के बाद उन्होंने बार-बार आपत्ति जताने की कोशिश की, लेकिन उनकी "आवाज को दबा दिया गया"  और सचिव ने वर्चुअल लिंक काटते हुए बैठक समाप्त कर दी.


वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कनेक्शन नहीं था ठीक
अनुराग ठाकुर ने कहा कि अमित मित्रा का पूरी बैठक के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कनेक्शन स्टेबल नहीं था. राजस्व सचिव ने मित्रा को सूचित किया कि उनकी लाइन टूट रही है और आवाज नहीं आ रही. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री के भाषण के दौरान भी किसी ने भी अमित मित्रा को बोलते नहीं सुना. दूसरे सदस्य इस बात की पुष्टि कर सकते हैं.


वित्त मंत्री ने सभी से बोलने के बारे में पूछा, तब भी चुप रहे मित्रा  
अनुराग ठाकुर ने स्पष्ट किया कि चर्चा के अंत में  वित्त मंत्री सीतारमण ने काउंसिल से पूछा कि क्या कोई बोलना और अपना कमेंट एड चाहेगा, लेकिन बंगाल मंत्री चुप रहे और कुछ नहीं बोले. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने जीएसटी काउंसिल में कभी भेदभाव नहीं किया गया. जीएसटी काउंसिल सभी की सामूहिक भावना का प्रतीक है. इसमें स्वस्थ तरीके से बहस की जाती रही है और ये आगे भी जारी रहेंगी.


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