Supreme Court On ED And CBI: कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के मनमाने इस्तेमाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली थी. इस पर सुनवाई करने से कोर्ट ने इनकार कर दिया. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस भ्रष्टाचारियों का नेतृत्व कर रही हैं.
अनुराग ठाकुर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “उनका पर्दाफाश हो गया है. कांग्रेस भ्रष्टाचारियों का नेतृत्व कर रही है. जांच एजेंसियों को भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार है.” उन्होंने आगे कहा, “भ्रष्टाचार करने से बाज आते नहीं और जब करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार करने के बाद जांच शुरू होती है तो कभी सड़कों पर उतरते हैं तो कभी सदन रोकने का काम करते हैं. सभी भ्रष्टाचारी एक मंच पर आने का प्रयास करते हैं.”
‘भ्रष्टाचार का नेतृत्व कांग्रेस कर रही’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों का नेतृत्व कांग्रेस ही कर रही है. दुख इस बात है कि जांच में सहयोग करने के बजाय बहाने बनाकर कोर्ट में मामले को लटकाने का प्रयास किया जाता है. जिन्होंने भ्रष्टाचार किया है उनके खिलाफ जांच एजेंसियों को जांच करने का अधिकार है. उसमें सहयोग करें. भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई समय रहते हो.”
याचिका में क्या कहा विपक्षियों ने?
याचिका में जांच एजेंसियों को लेकर भविष्य के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी. इससे पहले बुधवार (5 अप्रैल) को विपक्षी दलों की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि 2013-14 से 2021-22 तक सीबीआई और ईडी के मामलों में 600 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
उन्होंने कहा कि ईडी की ओर से 121 राजनीतिक नेताओं की जांच की गई है, जिनमें से 95 प्रतिशत विपक्षी दलों से हैं. सीबीआई की ओर से 124 जांचों में से 95 प्रतिशत से अधिक विपक्षी दलों से हैं. लेकिन लोकतंत्र क्या है? जब नेता ही इन मामलों के लिए लड़ रहे हैं. केवल इन वर्गों के लोगों के लिए ट्रिपल टेस्ट के अधीन एक अदालत हो सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से पूछा कि क्या हम इन आंकड़ों की वजह से कह सकते हैं कि कोई जांच या कोई मुकदमा नहीं होना चाहिए? कोर्ट का कहना है कि आखिरकार एक राजनीतिक नेता मूल रूप से एक नागरिक होता है और नागरिकों के रूप में हम सभी एक ही कानून के अधीन हैं. सीजेआई ने कहा कि आप कहते हैं कि ईडी अपराध या संदेह की गंभीरता के बावजूद गिरफ्तार नहीं कर सकता. हम ऐसा कैसे कर सकते हैं. अपराध की गंभीरता को कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है?
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