BBC Row: 'दुष्प्रचार में लगे हैं', अनुराग ठाकुर का बीबीसी पर निशाना, कहा- आजाद पत्रकारिता की बात करने वालों ने...
BBC Row: बीबीसी ने हाल ही में अपने स्टार एंकर को सोशल मीडिया पोस्ट के चलते हटा दिया था. इसके साथ ही बीबीसी पर एक डॉक्यूमेंट्री को दबाव के चलते प्रसारित न करने का आरोप लगा है.
BBc Row: केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ब्रिटिश सरकार के स्वामित्व वाले मीडिया संस्थान ब्रिटिश ब्रॉडकॉस्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) निशाना साधा है. बीबीसी ने अपने स्टार स्पोर्ट्स एंकर गैरी लिनेकर को सोशल मीडिया पोस्ट के चलते निलंबित कर दिया था. अनुराग ठाकुर ने बीबीसी पर पत्रकारिता को लेकर दोहरे आचरण का आरोप लगाया है.
इसके पहले बीबीसी पर सर रिचर्ड एटनबरो की डॉक्यूमेंट्री के एक भाग को प्रसारित न करने का आरोप लगा था. अनुराग ठाकुर ने कहा कि बीबीसी से जुड़ी हालिया न्यूज रिपोर्ट से पता चलता है कि बीबीसी दुर्भावनापूर्ण एजेंडे के तहत काम कर रही है.
एंकर को हटाने पर निशाना
अनुराग ठाकुर ने लिखा, यह देखना दिलचस्प है कि पत्रकारिता की निष्पक्षता और स्वतंत्रता के बारे में बुलंद दावे करने वाले बीबीसी ने अपने स्टार एंकर को उनकी सोशल मीडिया एक्टिविटी पर कैसे निलंबित कर दिया.
बीबीसी के स्टार एंकर गैरी लिनेकर ने ब्रिटेन सरकार की अप्रवासन नीति और डेविड एटनबरो द्वारा एक वृत्तचित्र को ऑफ एयर करने के फैसले की सोशल मीडिया पर आलोचना की थी. इसके बाद बीबीसी ने लिनेकर को तब तक के लिए निलंबित कर दिया था जब तक कि उनके सोशल मीडिया इस्तेमाल को लेकर कोई समझौता नहीं हो गया.
Interesting to see how the BBC which makes lofty claims about journalistic objectivity & independence suspend their star anchor over his social media activity.
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) March 11, 2023
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डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित न करने पर भी तंज
ब्रिटेन के मीडिया हाउस गार्जियन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि बीबीसी ने दक्षिणपंथी राजनेताओं के दबाव में सर रिचर्ड एटनबरो की डॉक्यूमेंट्री वाइल्ड आइल्स के एक भाग को प्रसारित न करने का फैसला किया था. केंद्रीय मंत्री ने रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, एक और दिलचस्प वाकये में बीबीसी ने इस डर से डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण को निलंबित कर दिया कि इससे समाज के एक वर्ग को गुस्सा आएगा.
अनुराग ठाकुर ने आगे लिखा, नकली नैरेटिव सेटिंग और नैतिक पत्रकारिता स्वाभाविक रूप से एक दूसरे के विरोधी हैं. मनगढंत तथ्यों में फर्जी दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार में शामिल लोगों के कभी भी पत्रकारिता की स्वतंत्रता के लिए खड़े होने के साहस की उम्मीद नहीं की जा सकती है.
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