मुंबई: इंटीरियर डिज़ाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों में गिरफ्तार अर्नब गोस्वामी को बॉम्बे हाई कोर्ट से गुरुवार को अंतरिम राहत नहीं मिली. अब शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई होगी.
इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के मामले में रिपब्लिक टीवी के संस्थापक और संपादक अर्नब गोस्वामी ने गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट में अंतरिम राहत की याचिका दाखिल की है.
बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्नब के लिए वरिष्ठ वकील आबाद पोंडा और हरीश साल्वे ने पक्ष रखा. पुलिस जांच और अर्नब की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए अर्नब के वकील आबाद पोंडा ने ज़िरह के दौरान कहा, ''मेरे क्लाइंट अर्नब सलाखों के पीछे है. यह पुलिस जांच अवैध हैं . मामला आसान और सरल है. हिरासत को बढ़ाए रखने का मौका दूसरे पक्ष को क्यों मिले ? हर सेकंड हिरासत अवैध है.''
आबाद पोंडा ने पूछा की क्या पुलिस कोर्ट द्वारा केस बंद करने के ऑर्डर की समीक्षा करेगी ? शिक़ायत कर्ता ने कोई विरोध याचिका दायर नहीं की . 'A Summary' रिपोर्ट कब्र की कील की तरह है. एक उचित ऑर्डर के बाद इसे निकाला जा सकता है. पुलिस द्वारा खुद जांच शुरू करना, मजिस्ट्रेट कोर्ट ऑर्डर की अवमानना है. पुलिस ने सिर्फ मजिस्ट्रेट कोर्ट को एक सूचना 15 अक्टूबर 2020 को इस केस के पुनः जांच के बारे में दी. जिसकी कोर्ट ने इजाज़त नहीं दी. सवाल यह उठता है कि क्या 'A समरी' ऑर्डर आज भी महत्व रखता है ? और अगर महत्व रखता है तो यह केस पूरी तरह खत्म है और पुलिस को जांच का कोई अधिकार नहीं है .
अर्नब गोस्वामी के लिए वरिष्ठ काउंसिल हरीश साल्वे ने कोर्ट में ज़िरह करते हुए कहा कि एक नागरिक की आज़ादी का मुद्दा है. वो पत्रकार है. अगर अंतरिम राहत दे दी गई तो क्या आसमान फट जाएगा. सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि यह बात समझ नहीं आती. कोर्ट से गुहार लगाई की याचिकाकर्ता को राहत देते हुए अंतरिम राहत दे और केस बाद में विस्तृत तौर पर सुने.
जस्टिस शिंदे ने कहा, ''इस केस में राज्य सरकार का पक्ष सुनना होगा. छुट्टी के बाद किसी और दिन इस विषय को विस्तार में सुना जा सकता है.'' जस्टिस शिंदे ने पूछा था कि क्या नाइक परिवार इस केस में पक्षकार है ? हरीश साल्वे के अनुरोध पर अर्नब की याचिका में बेंच में शिकायतकर्ता नाइक फैमिली को याचिका पक्षकार के तौर पर शामिल करने की अनुमति दी. अर्नब के अंतरिम राहत के मुद्दे पर शुक्रवार को सुनवाई होगी.
कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई 3 बजे होगी. क्योंकि कोर्ट पहले ही कह चुका है कि इस मामले को विस्तार से सुनेगा इसलिए अर्नब के वकीलों की अंतरिम राहत देने की मांग पर भी कल ही सुनवाई करेगा.
अर्नब गोस्वामी को अलीबाग मजिस्ट्रेट कोर्ट ने बुधवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था. न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद अर्नब को रायगढ़ के क्वॉरंटीन सेंटर में रखा गया है. कोरोना की वजह से नए कैदियों को जेल की जगह ऐसी जगहों पर रखा जा रहा है, जहां कोरोना संक्रमण से सुरक्षा हो सके.