Satellite Launch Mission 2023: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल फाउंडेशन और स्पेस जोन इंडिया की मदद से मार्टिन फाउंडेशन एपीजे अब्दुल कलाम सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मिशन-2023 के लिए पूरी तरह तैयार है. रविवार (19 फरवरी) को भारत के पहले हाइब्रिड रॉकेट को लॉन्च कर दिया जाएगा. खास बात यह है कि 20 स्टूडेंट्स भी इस मिशन का हिस्सा हैं. आज अलग-अलग राज्यों के स्कूली छात्रों की तरफ से बनाए गए कुल 150 सैटेलाइट को रॉकेट्स से लॉन्च किया जाएगा.
इनमें से दो सैटेलाइट बीएमसी स्कूलों के छात्रों ने बनाए हैं. ये छात्र दो वार्डों टी और एफ नॉर्थ में बीएमसी के स्कूलों से हैं. इनका सेलेक्शन एक कॉम्पिटिटिव एग्जाम को पास करने, सैटेलाइट बनाने और रॉकेट लॉन्च को समझने के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग और ऑफलाइन वर्कशॉप में भाग लेने के बाद किया गया. इस कार्यक्रम का हिस्सा बनना अपने आप में एक उपलब्धि है, लेकिन मुंबई के छात्रों के लिए एक और चीज का उन्हें बेसब्री से इंतजार था कि वे अपने शिक्षकों के साथ मुंबई से चेन्नई के लिए उड़ान भरेंगे, जहां सैटेलाइट को लॉन्च किया जाना है.
5 हजार से ज्यादा बच्चों को बनाया सक्षम
इस पहल के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों से कक्षा छठी से बारहवीं तक के 5000 से ज्यादा छात्रों को 150 पीआईसीओ सैटेलाइट को डिजाइन और विकसित करने में सक्षम बनाया गया है, जिन्हें रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया जाना है. इस मिशन ने चयनित छात्रों को साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स के बारे में ज्यादा जानने का मौका मिला. मार्टिन फाउंडेशन इस परियोजना के लिए कुल 85 प्रतिशत फंडिंग करता है.
बच्चों को कैसे पढ़ाया गया?
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सैटेलाइट व्हीकल मिशन 2023 का रॉकेट लॉन्च प्रोजेक्ट तमिलनाडु के चेंगलपट्टू जिले के पट्टीपोलम गांव से लॉन्च किया जाना है. चयनित छात्रों को वर्चुअल क्लासरूम की मदद से सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के बारे में पढ़ाया गया है, जिसके बाद प्रैक्टिस सेशन आयोजित किए गए हैं, ताकि उन्हें प्रोजेक्ट एरिया का पता लगाने में मदद मिल सके. उन्हें इस क्षेत्र में उपलब्ध कई लाभों से भी अवगत कराया गया.
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