Apple Alert Row: देश के विपक्षी सांसदों के आईफोन पर भेजे गए एपल अलर्ट के मामले पर कंपनी ने जांच के बाद मजबूती से अपने पक्ष पर खड़े रहने की बात कही है. एपल ने केंद्र सरकार की तरफ से भेजे गये नोटिस पर कहा, हम बाहर से एक्सपर्ट बुलाकर पूरे मामले की जांच करेंगे और उसके बाद जो भी रिजल्ट आएगा हम उसके बारे में पूरी जानकारी देंगे. 


केंद्र सरकार ने विपक्षी सांसदों को सरकार द्वारा प्रयोजित संभावित जासूसी मामलों का एपल की तरफ से अलर्ट मिलने की घटना के बाद पूरे मामले की जांच के आदेश दिए. सरकार ने कहा, 'विपक्षी दलों के सांसदों ने एपल की ओर से भेजे गए चेतावनी संदेश का जो मुद्दा उठाया था उसकी जांच सरकार की साइबर सुरक्षा एजेंसी सीईआरटी-इन ने शुरू कर दी है. उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में कंपनी को नोटिस भी भेजा गया है.


क्या बोले एपल कंपनी के जिम्मेदार?
एपल कंपनी के जिम्मेदारों की बात करें तो आधिकारिक रूप से उन्होंने कोई बयान नहीं दिया है. हालांकि कंपनी के सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कहा है कि एक सूत्र ने कहा, हम पूरी स्थिति का आकलन कर रहे हैं और मामले की गंभीरता को देखते हुए वह अपने मुख्यालय के साथ लगातार संपर्क में हैं. उन्होंने कहा, 'अगर जरूरत पड़ी, तो हम उन टीमों को शामिल करेंगे जिनको गोपनीयता और डिवाइस का काम सौंपा गया है ताकि बड़े स्तर पर पताया लगाया जा सके कि आखिर यहां पर क्या हो रहा है.


एप्पल ने 31 अक्टूबर को एक बयान में कहा था कि वह विपक्षी दलों के कुछ सांसदों को भेजे गए चेतावनी संदेश को किसी विशिष्ट सरकार-प्रायोजित हमलावरों से नहीं जोड़ती और वह इस बारे में जानकारी नहीं दे सकती है कि ऐसी चेतावनियों का कारण क्या है. कंपनी ने कहा, ‘एप्पल खतरे की सूचनाओं के लिए किसी विशिष्ट सरकार-प्रायोजित हमलावर को जिम्मेदार नहीं ठहराता.’ एप्पल ने कहा कि सरकार प्रायोजित हमलावर ‘आर्थिक और तकनीकी रूप से बहुत मजबूत होते हैं और उनके हमले समय के साथ विकसित होते हैं.’


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