(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर चलेंगी 500 इलेक्ट्रिक टैक्सियां, नाम होगा 'इवेरा'
दिल्ली-एनसीआर में शुरू होने वाली इलेक्ट्रिक कैब सर्विस का नाम " इवेरा " होगा. कंपनी की तरफ से कहा गया है कि बुकिंग के लिए पहले से तय फेयर ही चुकाना होगा साथ ही बिना एक्सट्रा पैसे दिए इसे कैंसिल भी किया जा सकेगा.
नई दिल्ली: वाहनों से बढ़ते प्रदूषण की शिकायतों के बीच शहर की एक स्टार्टअप कंपनी की इसी महीने दिल्ली-एनसीआर में इलेक्ट्रिक वाहनों की कैब सेवा शुरू करने की योजना है. कंपनी वायु प्रदूषण को कम करने के लिए यह कदम उठा रही है. एप बेस्ड इलेक्ट्रिक कैब सर्विस का नाम " इवेरा " होगा. इस कैब सर्विस की सबसे अच्छी बात ये है कि ट्रैफिक और ट्रैवल टाइम के हिसाब से इसका किराया नहीं बढ़ेगा और बिना कोई चार्ज दिए राइड कैंसिल की जा सकेगी. राइड कैंसिल करने का ऑप्शन केवल कस्टमर के पास होगा.
प्रकृति ई-मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने बयान जारी करके कहा कि पहले चरण में कंपनी 500 इलेक्ट्रिक वाहन पेश करेगी और उम्मीद है कि अगले दो साल के भीतर इनकी संख्या 5,000 तक पहुंच जाएगी.
प्रकृति ई - मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक और सीईओ निमिश त्रिवेदी ने कहा, " हम ग्राहकों को आनंददायक सेवा देना चाहते हैं. साथ ही उन्हें वायु प्रदूषण को कम करने का भी अवसर देना चाहते हैं. इवेरा का काम सिर्फ ग्राहक को एक जगह से दूसरी जगह पर छोड़ना ही नहीं होगा बल्कि पर्यावरण को अच्छा रखने में उनका योगदान सुनिश्चित करना भी होगा."
बयान में कहा गया है कि ग्राहक कीमतों में वृद्धि की चिंता किए बिना कैब बुक कर सकते हैं और साथ वे बिना अतिरिक्त भुगतान के यात्रा रद्द भी कर सकेंगे. यानि
राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से अब राहत मिलने के आसार आने लगे हैं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि सरकार इस दिशा में सोच रही है. इसी क्रम में दिल्ली को शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत 55 गाड़ियों की सौगात दी. मंगलवार को शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने हरी झंडी दिखाकर गाड़ियों को रवाना किया. ये गाड़ियां दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के हवाले की गई हैं.
शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने 55 गाड़ियों को झंडी दिखाकर रवाना किया था. साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन को मिली गाड़ियों में 6 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन, 17 वाटर टैंकर, 2 सुपर सकर मशीन और 26 सीएनजी ट्रक शामिल हैं. इन गाड़ियों को शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12.64 करोड़ रु की लागत से खरीदा था.
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