नई दिल्ली: क्या आपको अचानक गुस्सा आता है, अचानक खुश हो जाते हैं, अचानक हिंसक हो जाते हैं, प्यार की बातों पर गुस्सा आता है, किसी के गुस्सा होने पर हंसते हैं, नींद नहीं आती, तनाव रहता है, बोरियत होती है, याददाश्त कमजोर हो रही है, फैसले नहीं ले पाते, भ्रम में फंस जाते हैं, एकाग्रता में कमी आ रही है, कमजोरी महसूस करते हैं, चक्कर आते हैं, सांस लेने में तकलीफ होती है. लॉकडाउन में अगर ये बदलाव आ रहे हैं तो आप मूड स्विंग के शिकार हैं. लेकिन सवाल ये है कि मूड स्विंग की वजह क्या है?


लॉकडाउन में मूड स्विंग की असली वजह क्या है?


मूड चेंज एक बहुत बड़ा फैक्टर है, बहुत बड़ी प्रवृति है जो लोगों के दिमाग में आ सकती है. लॉकडाउन एक असामान्य परिस्थिति है. एक ऐसी घटना है जो अचानक आई है, अप्रत्याशित रूप से आई है. इस अप्रत्याशित या अचानक से हुई घटना ने आपके पूरे रुटीन को अप्रत्याशित रूप से या अचानक बदल दिया है. ऐसी स्थिति में मूड चेंज जैसी प्रवृति आपके भीतर आ सकती है.


मूड स्विंग का सीधा रिश्ता आपकी मनस्थिति से है. इसलिए मनोवैज्ञानिक मनीषा सिंघल से समझिए इस समस्या से कैसे निपटना है....


इसका जवाब है आराम से रहें. अपनी सेहत का थोड़ा ख्याल रखें. अपना रुटीन मेंटेन रखें. अल्कोहल का सेवन ना करें. स्मोकिंग ना करें. कुछ चीजें तो हमारे हाथ में हैं जो हम काबू कर सकते हैं.


मूड स्विंग आपके दिमाग की उपज है. लेकिन कुछ ऐसे तरीके हैं जिससे आप अपने दिमाग को स्थिर बनाकर मूड स्विंग यानी बार-बार बदल रहे दिमाग को स्थिर बना सकते हैं. वो तरीके क्या हैं, डॉ नवदीप कुमार से जानिए...


इसका जवाब है टाइम पर सोना, टाइम पर उठना. परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताना. रोज व्यायाम करें, जो कि बहुत जरूरी है. व्यायाम से बहुत ज्यादा मदद मिलती है और कुछ प्रोडक्टिव करें.


यानी लॉकडाउन में मूड स्विंग को हराना है तो...


* रोजाना व्यायाम करें
* समय पर खाएं
* समय पर सोएं
* खुद पर यकीन रखें
* लक्ष्य निर्धारित करें
* ज्यादा ना सोचें
* परिवार के साथ बात करें
* सकारात्मक रहें


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