नई दिल्लीः सोशल मीडिया और चारो ओर इस सवाल ने खलबली मचा दी है क्या हम जो आइसक्रीम के नाम पर खाते हैं वो वनस्पति तेल है. सोशल मीडिया से लेकर चाय की दुकानों तक लोग एक ही चर्चा करते सुनाई दे रहे हैं.
अमूल के 45 सेकेंड के एक विज्ञापन के बाद हर तरफ ये सवाल फैल चुका है. विज्ञापने के ही साथ सोशल मीडिया पर आइसक्रीम और फ्रोजन डेजर्ट का भ्रम फैलने लगा है. इसकी पड़ताल हमने शुरु की तो सबसे पहले बांबे हाईकोर्ट से एक सुराग मिला.
क्वालिटी वॉल्स आइसक्रीम बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर ने अमूल के इस विज्ञापन के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में मुकदमा कर दिया है. हिंदुस्तान यूनिलीवर का कहना था कि अमूल का ये विज्ञापन लोगों को भ्रमित करने वाला है मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है.
क्या है मैसेज?
अमूल ने वॉल्स, क्वालिटी और दूसरी ब्रांडेड आइसक्रीम बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ मुकदमा जीत लिया है. अब ये ब्रैंड आइसक्रीम बताकर अपना प्रोडक्ट नहीं बेच सकते हैं. हां फ्रोजन डेजर्ट बता सकते हैं. अगर आप ऐसे प्रोडक्ट जिन्हें फ्रोजेन डेजर्ट बताकर बेचा जाता है इनका लेबल देखेंगे तो पता चलेगा ये हाइड्रोजेनेटेड वनस्पति तेल है जो कि डालडा होता है. अमूल ही सिर्फ अकेली ऐसी आइसक्रीम है जो दूध से बनाती है वनस्पति वसा से नहीं.
आपको बता दें अमूल का एक विज्ञापन और फिर सोशल मीडिया पर वायरल इस मैसेज ने आइसक्रीम और फ्रोजन डेजर्ट पर भ्रम को और गहरा कर दिया है.
इसके लिए हमने सबसे पहले अमूल और क्वालिटी-वॉल्स की आइसक्रीम की पड़ताल की उनके लेबल पर लिखा क्या होता है?
हमें क्वालिटी वॉल्स की आइसक्रीम पीछे फ्रोजन डेजर्ट लिखा हुआ मिला.
आखिर क्यों क्वालिटी-वॉल्स को फ्रोजन डेजर्ट लिखना पड़ता है वो आइसक्रीम नहीं लिखता इसकी वजह जानने के लिए हमने 73 साल से आइसक्रीम बनाने वाली अहमदाबाद की कंपनी हैवमोर के मैनेजिंग डायरेक्टर अंकित चौना से बात की. अंकित चौना ने हमें बताया कि दो तरह की आइसक्रीम होती हैं.
एक जो दूध और क्रीम से बनता है और दूसरा जिसमें वनस्पति तेल से बनता है जिसे फ्रोजन डेजर्ट कहते हैं. फ्रोजन डेजर्ट आइसक्रीम बनाने से ज्यादा सस्ता पड़ता है
देश में आइसक्रीम का 7 हजार 700 करोड़ रुपए का बाजार है इसलिए ये मामला गंभीर है. हिंदुस्तान यूनिलीवर ने बताया कि ये विज्ञापन फ्रोजन डेजर्ट में वनस्पति तेल के इस्तेमाल को लेकर गलत दावे करता है. हम ये साफ करना चाहते हैं कि क्वालिटी वॉल्स के फ्रोजन डेजर्ट में वनस्पति नहीं होता. क्लालिटी वॉल्स अपने फ्रोजन डेजर्ट में आइसक्रीम की तरह दूध का इस्तेमाल करता है. फर्क सिर्फ इतना है फ्रोजन डेजर्ट में डेयरी फैट की जगह वनस्पति फैट का इस्तेमाल किया जाता है जो ज्यादा स्वास्थवर्धक है क्योंकि इसमें सैचुरेटेड फैट कम होता है और जिससे कोलेस्ट्रॉल नहीं होता.
इस मामले में हमने जब डॉक्टर से बात की तो पता चला कि आइक्रीम में या फ्रोजन डेजर्ट में वेजिटेबल फैट होना बड़ी बात नहीं है लेकिन ये जरुरी है कि ये सही मात्रा में मिलाया गया हो.
ये पूरा विवाद साल 2011 में पहली बार शुरू हुआ था जब Food Safety and Standards Authority of India ने ये नियम बनाया था कि जो कंपनियां वेजिटेबल फैट का इस्तेमाल कर रही हैं वो अपने प्रोडक्ट पर आइसक्रीम नहीं लिख सकती है.
हमारी पड़ताल में सामने आया है कि अमूल के विज्ञापन के खिलाफ मामला बॉम्बे हाईकोर्ट में है जहां 5 अप्रैल को सुनवाई होनी है. इसलिए अमूल ने मुकदमा जीता ये दावा गलत है.
क्वालिटी वॉल्स अपने प्रोडक्ट पर फ्रोजन डेजर्ट लिखती है लेकिन कंपनी ने साफ किया कि वो वेजिटेबल फैट इस्तेमाल करते हैं लेकिन वायरल मैसेज के दावे के मुताबिक ये डालडा नहीं होता, ये वो तेल है जो खाने में इस्तेमाल किया जाता है.
दावों के मुताबिक दोनों ही यानि आइसक्रीम और फ्रोजन डेजर्ट खाने के लिए ठीक हैं दोनों को बनाने में दूध का इस्तेमाल होता है. बस दोनों को बनाने का तरीका और इस्तेमाल होने वाली चीजें अलग-अलग हैं.