मुंबईः कई दिनों की जांच के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को बड़ी सफलता मिली है. नारकोटिक्स ब्यूरो ने एक ड्रग माफिया और ड्रग्स फैक्ट्री का पता लगाया है. ड्रग माफिया अपनी असली पहचान छुपाने के लिए कई नामों का सहारा लेता है. एनसीबी ने अपनी जांच में पाया कि आरोपी रूप बदलने में मास्टर है. ड्रग माफिया अपनी पहचान एक महिला के रूप में बताता है और ड्रग की सप्लाई करता है. आरोप है कि इस मास्टरमाइंड ने उस फैक्ट्री में 100 किलो के आसपास की एमडी ड्रग्स एक बड़े ऑर्डर के रूप में बनवाया है जिसकी कीमत 100 करोड़ रुपए बताई जा रही है.
डोंगरी के सबसे बड़े ड्रग्स पेडलर आरिफ भुजवाला की गिरफ्तारी के बाद एनसीबी ने उसके मोबाइल की जांच शुरू की और इस जांच के दौरान उन्हें आरिफ भुजवाला का बिलाल, आसिफ और हाशिम नाम के लोगों के साथ कई चैट्स मिले. सूत्रों की माने तो यह ड्रग उसने अपने ड्रग पेडलर और उन लोगों को भी सप्लाई किए हैं जो दुबई में बैठे हैं और उनका कनेक्शन अंडरवर्ल्ड से लोगों के साथ है.
एनसीबी को यह पता नहीं चल पा रहा था कि आखिर यह कौन से लोग हैं इनका डाटा किसी ऐसे व्यक्ति के साथ भी मिल नहीं रहा था जो कि कभी भी ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार हुए हो. एनसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि इसके बाद हमने पहले हमने पाया कि यह व्यक्ति जाली पहचान का इस्तेमाल कर रहा है और इसके बारे में भुजवाला को भी जानकारी नहीं है.
हर समय अलग नाम और नंबर का का इस्तेमाल
भुजवाला को यह तक नही पता है कि उस व्यक्ति का असली नाम क्या है क्योंकि वह व्यक्ति हर समय अलग नाम और नंबर का का इस्तेमाल कर बातचीत करता था. इस मामले की बारीकी से जांच करने के बाद एनसीबी को उस शख्स का असली नाम पता चला, एनसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि उसका नाम मोहम्मद हुसैन बिलाल उर्फ टाइलवाला है. टाइलवाला को मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल ने 2011 में विदेशों में ड्रग्स सप्लाई करने के मामले में गिरफ्तार किया था.
एनसीबी सूत्रों की माने तो उस वक्त से ही वह अंडरग्राउंड हो गया और ड्रग्स के संबंधित कामों को अंजाम देने के लिए अलग-अलग पहचान का इस्तेमाल करने लगा. वह अपने आप को महिला बता कर ड्रग्स पेडलर और सप्लायर्स से बातचीत करता है और किसी से भी नहीं मिलता है. वह एक सिम कार्ड का इस्तेमाल एक ही हफ्ते करता है उसके बाद वह दूसरे नंबर का इस्तेमाल करता है एनसीबी को यह भी पता चला कि वह इस तरह के सिम कार्ड लेने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करता है.
टाइलवाला जांच एजेंसियों से इतना डरता है कि उसने अबतक ड्रग्स से कमाए पैसों से जो भी प्रॉपर्टी खरीदे हैं उसे खरीदने के लिए उसने जाली दस्तावेज का ही इस्तेमाल किया है. जांच एजेंसियों का यह मानना है कि यह एक बहुत बड़ा ड्रग्स का सप्लायर है जिसके संबंधों के तार सीधे तौर से अनीस इब्राहिम और दुबई में बैठी उसकी गैंग से जुड़े हैं. जांच में यह भी पता चला की भुजवाला जो की एमडी ड्रग्स डोंगरी की लैब में बनाता था, वह भी ड्रग्स की खेप कम पड़ने पर टाइलवाला के पास से ड्रग्स मंगवाता था.
महिला बनकर ड्रग्स पेडलर से करता है बातचीत
एनसीबी के अधिकारियों की माने तो 2011 के बाद उसने ऐसा कोई भी सबूत नहीं छोड़ा जो जांच एजेंसियों को दुबारा उसके पास लेकर जाए . इतना ही नहीं ड्रग्स पेडलर्स से बातचीत करने के लिए वह महिला की आवाज का इस्तेमाल करता था. वह एक ऐसा मोबाइल एप्लीकेशन का इस्तेमाल करता है जो इसकी आवाज को महिलाओं की आवाज में बदल देता है. जिसके बाद ड्रग्स पेडलर को ऐसा लगता है कि वो किसी महिला से बात कर रहा हो.
जांच के दौरान एनसीबी को कई ड्रग्स पेसलर्स की मोबाइल चैट लिस्ट में श्वेता नाम दिखाई दिया है, जिससे यह पता चलता है कि टाइलवाला ड्रग पेडलर से बातचीत करने के दौरान अपने आपको श्वेता बताता है.
जांच में हमें यह भी पता चला था कि टाइलवाला मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में रहता है जिसके बाद हमारी एक टीम ने वहां पर छापेमारी की पर आरिफ भुजवाला की गिरफ्तारी के बाद वह कुछ ज्यादा ही सतर्क हो गया था और तुरंत बाद ही वो अपनी बीवी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ कहीं छुप गया है शक यह भी है कि उसका परिवार भी इस ड्रग नेक्सस का हिस्सा है. टाइलवाला वहां से भाग तो गया पर अपने दो नाबालिग बच्चों को छोड़ गया उनमें से एक बच्चे को कैंसर की बीमारी है.
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