Kerala Politics: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता साजी चेरियन को मंत्रिमंडल में फिर से शामिल करने की मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की सिफारिश को मंगलवार (3 जनवरी) को मंजूरी दे दी.


आरिफ मोहम्मद खान ने मीडिया से कहा कि चेरियन को शामिल करने के संबंध में उन्हें सीएम पिनराई विजयन से जो कुछ कहना था, वह कह दिया गया है और वह कल यानी बुधवार (4 जनवरी) को मंत्री पद की शपथ लेंगे. 


क्यों मानी सलाह? 


राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खा ने कहा, ‘‘मैंने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की सिफारिश मान ली और कल वह शपथ ग्रहण करेंगे. कल भी मैंने कहा था कि मैं ऐसे मामलों में उनकी (सीएम की) सलाह (माने जाने के लिए) बाध्यकारी है.’’ खान ने एक दिन पहले ही कहा था कि चेरियन को शामिल करना सामान्य मामला नहीं है और इसलिए उन्हें इससे संबंधित दस्तावेजों पर गौर करना होगा.


'फैसला अनैतिक है'


कांग्रेस ने एक बार फिर इस फैसले की निंदा की है. राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि माकपा के नेता को मंत्रिमंडल में फिर से शामिल करने का फैसला अनैतिक है. उन्होंने फैसले के पीछे के तर्क पर भी सवाल उठाए और कहा कि विपक्ष इसे स्वीकार नहीं करेगा. 


किए यह सवाल


सतीशन ने कहा, ‘‘हम इसका कड़ा विरोध करेंगे और हम कानून का सहारा भी लेंगे.’’ उन्होंने कहा कि संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) का कोई सदस्य शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होगा. उन्होंने इस्तीफा ही क्यों दिया था अगर उन्होंने कानून या संविधान को लेकर कुछ गलत नहीं कहा था.


साजी चेरियन ने क्या कहा? 


चेरियन ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि उन्होंने कानून और संविधान के खिलाफ कुछ नहीं कहा. उन्होंने कहा, ‘‘यह आप (मीडिया) ही थे जो कह रहे थे कि मैंने कुछ असंवैधानिक कहा है. अपनी पार्टी की गरिमा को बनाए रखने के लिए मैंने अपने पद पर बने रहने के बजाय इस्तीफा दिया.’’


साजी चेरियन ने कहा कि आठ दिसंबर 2022 को केरल हाई कोर्ट ने उन दो याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें यह घोषणा करने का अनुरोध किया गया था कि उनके भाषण को देखते हुए वह विधायक पद पर रहने के हकदार नहीं हैं.


मामला क्या है? 


चेरियन ने जुलाई में पथनमथिट्टा जिले में एक भाषण के दौरान कथित तौर पर संविधान के खिलाफ टिप्पणी की थी और इस संबंध में आपराधिक मामला दर्ज होने के बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. सत्तारूढ़ माकपा ने 30 दिसंबर 2022 को उन्हें मंत्रिमंडल में वापस लाने का फैसला किया था और अगले दिन राज्यपाल को पत्र भेजकर चार जनवरी को चेरियन को मंत्री पद की शपथ दिलाने की मंजूरी मांगी थी.


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