Arjun Ram Meghwal Profile: अर्जुन राम मेघवाल को उनकी सादगी के लिए जाना जाता है. वह ऐसे नेता हैं जिन्होंने अपनी पहचान और सादगी को हमेशा महत्व दिया है. राजस्थान की पगड़ी को सिर पर हमेशा सजाए रखने वाले मेघवाल का बचपन काफी संघर्ष भरा रहा है. किशमीदेसर गांव के एक पारंपरिक बुनकर परिवार में उनका जन्म हुआ था. पढ़ाई के साथ-साथ वह बचपन से अपने पिता की बुनकरी में मदद करते थे. 


मेघवाल की शादी महज 13 साल की उम्र में हो गई थी. पढ़ाई में उनकी कितनी दिलचस्पी थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने शादी के बाद भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी थी. इतना ही नहीं वह पूरा दिन पिता की मदद करने के बाद भी कभी पढ़ना नहीं भूलते थे. बीकानेर के राजकीय डूंगर कॉलेज से उन्होंने बीए की डिग्री ली थी. इसके बाद यहीं से एलएलबी और मास्टरर्स की डिग्री भी हासिल की थी. 


राजनीति में कैसे रखा कदम?


कॉलेज की पढ़ाई करने के बाद मेघवाल ने सरकारी एग्जाम के लिए तैयारी करना शुरू कर दिया था. उनको शुरुआत से ही जनता के हित में काम करना था. कुछ एक बार परीक्षाएं देकर उन्हें भारत डाक विभाग में टेलीफोन ऑपरेटर की नौकरी भी मिल गई थी. इसी के बाद उनका राजनीतिक जीवन भी शुरू हुआ, जब उन्होंने टेलीफोन ट्रैफिक एसोसिएशन का चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की थी.


IAS भी रहे हैं अर्जुन राम मेघवाल 


अर्जुन राम मेघवाल प्रशासनिक अधिकारी भी रह चुके हैं. राजनीति में आने से पहले अर्जुन राम मेघवाल राजकीय सेवा में थे. वे 1982 में राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए. उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री हरिश्चन्द्र भाभा के ओएसडी के रूप में भी काम किया है. इतना ही नहीं आरएएस से पदोन्नत होकर मेघवाल आईएएस बने और चूरू जिला कलेक्टर भी रहे. 


साइकिल से संसद पहुंचने का किस्सा मशहूर 


मेघवाल की सादगी को लेकर इससे बड़ा उदाहरण क्या होगा कि सरकार की तरफ से कार मिलने के बावजूद भी वह साइकिल में घूमना पसंद करते हैं. उनकी यह पसंद चर्चा में तब आई जब वह शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति भवन भी साइकिल से ही पहुंचे थे. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी पसंद बताए जाते हैं. इतना ही नहीं मेघवाल ने ही राजस्थान के बीकानेर में रॉबर्ट वाड्रा के कथित अवैध भूमि सौदे को सबके सामने लाने का काम किया था. 


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