Land Of The Gods On Haryana: अब जल्द ही हरियाणा के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्र इस सूबे के गौरवशाली और शानदार अतीत से जुड़ सकेंगे. उन्हें इससे रूबरू कराने का काम लेखक और शिक्षाविद् अर्जुन सिंह कादियान (Arjun Singh Kadian) करेंगे. कादियान कहते हैं कि अपनी नई पहल के तहत वह सूबे के इतिहास की लुभावनी कहानियों को युवा वर्ग के साथ साझा करना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने इस सूबे के इतिहास पर लिखी गई अपनी किताब लैंड ऑफ द गॉड्स- द स्टोरी ऑफ हरियाणा (Land of the Gods- The Story of Haryana) को युवा वर्ग तक ले जाने का फैसला किया. वो इस किताब पर चर्चा के लिए यहां के कॉलेजों में 1 नवंबर से लेक्चर देने जा रहे हैं. 


महत्वाकांक्षी किताब है


चंडीगढ़ (Chandigarh) के अकादमिक और नीति पेशेवर 31 साल के अर्जुन सिंह कादियान अपनी किताब लैंड ऑफ द गॉड्स- द स्टोरी ऑफ हरियाणा को "एक महत्वाकांक्षी किताब" कहते हैं. इस किताब के बारे में वो बताते हैं, “यह किताब  17वीं से 21वीं सदी तक के हरियाणा का सह सामाजिक-राजनीतिक और ऐतिहासिक दस्तावेज है. किताब में औरंगजेब के दिनों से लेकर एनडीए शासन तक के इतिहास को गहराई से बताया गया है. इसमें ऐतिहासिक घटनाएं, समाजशास्त्रीय अध्ययन और राजनीतिक गपशप शामिल हैं.”  वह आगे कहते हैं कि यह एक ऐसे क्षेत्र और लोगों के साथ जुड़ी  हुई है,जिन्होंने इस उपमहाद्वीप को 5 सहस्राब्दियों से अधिक वक्त तक एक अलग पहचान दी है. हरियाणा के बारे में लेखक कादियान कहते हैं: “यह प्राचीन सिंधु-सरस्वती सभ्यता (Indus-Saraswati Civilization) का पालना रहा है. राजाओं और सम्राटों ने इस जगह का इस्तेमाल कर अपने साम्राज्यों को बढ़ाया और उन्हें मजबूत किया है.


'आया राम, गया राम’ राजनीति गढ़


लेखक अर्जुन सिंह कादियान कहते हैं कि बहुचर्चित और उपहासों वाली 'आया राम, गया राम’ (Aaya Ram, Gaya Ram) राजनीतिक  यहीं से शुरू हुई.  इस भूमि ने देश को स्वतंत्रता आंदोलन के कई दिग्गज दिए. ये सूबा  क्षेत्रीय और राष्ट्रीय राजनीतिक पैंतरेबाजी  के कॉकटेल का पता (Address) बन गया, जिसने राष्ट्रीय राजनीति पर खासा असर डाला.” लेखक अर्जुन सिंह कादियान शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों के एक मंच हरियाणा थिंकर्स फोरम ( Haryana Thinkers Forum) से जुड़े है. वो अपनी किताब लैंड ऑफ द गॉड्स- द स्टोरी ऑफ हरियाणा को सूबे के युवा वर्ग तक पहुंचना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने सूबे के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों 1 नवंबर से लेक्चर सीरीज चलाने का प्लान किया है.


दादा भी रहे सक्रिय


भूविज्ञानी (Geologist) कादियान ने दिल्ली के हंसराज कॉलेज (Hansraj College) से ग्रेजुएशन किया है. उनके दादा पूर्व आईएएस अधिकारी विजय कुमार (Vijay Kumar) 90 के दशक की शुरुआती दौर में हरियाणा में शराब विरोधी अभियान में खासे सक्रिय रहे थे. उनके दादा के बड़े भाई प्रोफेसर शेर सिंह (Sher Singh) ने 1957 में प्रताप सिंह कैरों (Partap Singh Kairon) सरकार के दौरान पंजाब (Punjab ) के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं.


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