नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर चल रही हथियारों की खरीद के लिए दान लेने की खबर को भारतीय सेना ने बेबुनियाद बताया है. गौरतलब है कि सशस्त्र बलों के कैजुअल्टी वेलफेयर फंड में सैन्य हथियारों की खरीद के लिए दान लेने का सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है. जिसका खंडन करते हुए सेना ने उसे झूठा और फर्जी बताया है.
सैन्य खरीद के लिए दान की खबर फर्जी
सेना के मुताबिक कैजुअल्टी वेलफेयर फंड लड़ाई में हताहत जवानों और उनके परिजनों की मदद करने के इच्छुक नागिरकों के लिए शुरू किया गया था. मौजूदा वक्त में भी इस फंड का इस्तेमाल हताहत जवानों और उनके परिवार वालों की मदद के लिए ही हो रहा है.
बता दें कि फरवरी 2016 में सियाचिन में हुई हिमस्खलन की घटना में सेना के 10 जवान बर्फ में दब गए थे. इसके बाद बैटल कैजुअल्टी के तहत हताहत जवानों के परिजनों को बड़ी संख्या में लोगों ने आर्थिक मदद देने की इच्छा जताई. जिसके बाद रक्षा मंत्रालय ने भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग के तहत सशस्त्र बलों के कैजुअल्टी वेलफेयर फंड (ABCWF) का गठन किया.
सोशल मीडिया पर दावे का सेना ने किया खंडन
पिछले साल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैटल कैजुअल्टी की सभी श्रेणियों के लिए जवानों के परिजनों को मिलनेवाली आर्थिक मदद की राशि में वृद्धि का ऐलान किया था. उन्होंने राशि की रकम दो लाख रुपए से बढ़ाकर आठ लाख रुपए करने की मंजूरी दी. देश की सेवा करने वाले जवानों के परिजनों को आर्थिक मदद पारिवारिक पेंशन, सेना समूह बीमा, सैन्य कल्याण कोष और अनुग्रह राशि से मिलने वाली वित्तीय सहायता के अतिरिक्त दी जाती है.
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